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Tourism Places 2024 : ताज महल की कुछ ऐसी बातें, जिसके बारे में आपको पता नहीं होगा !

PUBLISHED BY – LISHA DHIGE

Tourism Places 2024 : ताजमहल को कौन नहीं जानता हम सब जानते है ताजमहल भारतीय शहर आगरा में यमुना नदी के दक्षिण तट पर एक हाथीदांत-सफेद संगमरमर का मकबरा है। इसे 1632 में मुगल सम्राट शाहजहां (1628 से 1658 तक शासन किया गया) द्वारा अपनी पसंदीदा पत्नी मुमताज महल की मकबरे के लिए शुरू किया गया था।

Tourism Places 2024

ताजमहल से जुड़े बेहद रोचक तथ्य

आपको बता दे कि मुमताज की याद में बनवाया गया ये ताजमहल आज सबसे खूबसूरत स्मारकों में शामिल है। इसे देखने के लिए सात समंदर पार से लोग आते हैं। पहला रोचक तथ्य ये है कि ताजमहल के निर्माण में मुगल शहंशाह शाहजहां ने करीब 32 करोड़ रुपये आज के दौर में खर्च किए थे। मुगल शहंशाह शाहजहां ने ताजमहल का निर्माण मुमताज महल की स्मृति में वर्ष 1632-48 के मध्य कराया था।

ताजमहल में तहखाने भी है, ये बात सभी के लिए हैरान करने वाली है। ताजमहल में वर्ष 1970 से पूर्व तहखाने के रास्ते खुले थे। यहां से लोग स्मारक में प्रवेश कर ऊपर पहुंचते थे। Tourism Places 2024 लेकिन अब इन्हें बंद करा दिया गया है। इतिहासकार ईबा कोच ने अपनी पुस्तक द कंप्लीट ताजमहल एंड दि रिवरफ्रंट गार्डंस आफ आगरा’ में मुमताज के पहले उर्स में शहजादी जहांआरा के आगरा किला से नाव में बैठकर ताजमहल पहुंचने का जिक्र किया। शाहजहां भी इन्हीं दरवाजों से ताजमहल में प्रवेश करता था।

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ताजमहल में दफन मुमताज के साथ तीन और बेगमों की कब्रें हैं। जी हां शाहजहां की तीन अन्य बेगमों के भी खूबसूरत मकबरे हैं। ताज पूर्वी गेट से प्रवेश करने पर बायीं तरफ अकबराबादी महल बेगम का मकबरा है। एएसआइ के अनुसार अकबराबादी बेगम का असली नाम इजुन्निसा बेगम था। इन्हें सरहिंदू बेगम के नाम से भी जाना जाता है। इन्होंने दिल्ली के फैज बाजार में एक मस्जिद बनवाई थी। ताज पश्चिमी गेट से दाईं तरफ फतेहपुरी महल बेगम का मकबरा है। फतेहपुरी बेगम शाहजहां की पत्नी थीं। ताज पूर्वी गेट से दशहरा घाट की तरफ जाने वाले मार्ग पर संदली मस्जिद के बराबर में शाहजहां की एक और बेगम कंधारी बेगम का मकबरा है।

मौसम के अनुसार रंग बदलता है ताजमहल। जी हां, ताजमहल पर सूर्योदय की किरणें पड़ती हैं तो इसकी आभा गुलाबी हो जाती है। दोपहर में चटख धूप में पत्थर का रंग सफेद और चांदनी रात में दमकते नगीनों में इसका सुनहरी रंग अपनी ओर आकर्षित करता है। हालांकि तहखाने की असली कब्रों का रंग अब काला हो रहा है।Tourism Places 2024 इसके पीछे तर्क है कि ताजमहल में लगा हुआ सारा संगमरमर दूधिया रंग का नहीं है। तहखाने में लगे संगमरमर का रंग वर्षाें से काले रंग का है।

खूबसूरत ताजमहल के नगीने चांदनी रात में चमक बिखरते हैं, इस बेपनाह खूबसूरत नजारे को अपनी आंखों में कैद करने के लिए पर्यटक उत्साहित रहते हैं। माह में पांच दिन (पूर्णिमा, पूर्णिमा से दो दिन पूर्व व दो दिन बाद तक) ताज रात्रि दर्शन होता है। इसे चमकी कहते हैं। चमकी दरअसल धवल चांदनी में ताज के संगमरमर पर चमकती किरणों की अठखेलियां है। शरद पूर्णिमा पर यह चमक इसलिए अधिक देखने को मिलती है क्योंकि चांद पृथ्वी के सबसे निकट होता है। चांदनी रात में ताज की दीवार में लगे पत्थर झिलमिलाते से दिखाई देते हैं। इसी को देखकर लोग कहते हैं ये चमकी, वो चमकी।

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ताज की मीनारें झुकी हुई हैं। ताजमहल में चारों कोनों पर मीनारें बनी हुई हैं। प्रत्येक मीनार की ऊंचाई जमीन से कलश तक 42.95 मीटर (140.91 फुट) है। मीनार में अंदर की तरफ रेड सैंड स्टोन की नीचे से ऊपर तक जाने को सीढ़ियां बनी हुई हैं। इनमें से 15 सीढ़ियां हैं। हालांकि अब ये सीढ़ियां बंद हैं।Tourism Places 2024 ताजमहल की मीनारों को इस तरह बनाया गया है कि यदि भूकंप आए और मीनारें गिर जाएं तो वे मुख्य गुंबद पर न गिरें, इसलिए चारों मीनारें में कुछ झुकाव दिया गया है।

ताजमहल की नींव यमुना किनारे बनाए गए कुओं और उनमें प्रयुक्त हुई साल की लकड़ी पर टिकी है। स्मारक के इस्तेमाल में आइरन क्लैंप का प्रयोग हुआ है।Tourism Places 2024 साल की लकड़ी पर पानी का असर नहीं पड़ता है और लंबे समय तक चलती है। वर्ष 1632-48 के मध्य में ताजमहल बनाया गया था और अब इसे बने हुए 370 वर्ष से अधिक का समय बीत चुका है। पार्श्व में बहती यमुना की अविरल धारा नींव को मजबूती प्रदान किए हैं।

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Vanshika Pandey

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