Indian Railway : भारतीय रेलवे से जुडी कुछ ऐसी बातें, जिसे आप नहीं जानते होंगे !
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PUBLISHED BY – LISHA DHIGE
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Indian Railway : देश की लाइफ़लाइन यानि की भारतीय रेलवे को कहा गया है ऐसा कहा जाता है कि ये चौथा और एशिया का दूसरा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है इस भारतीय रेलवे से लाखों करोड़ों लोग यात्रा करते हैं और दूरी लंबी हो या कम दोनों का ही किराया किफ़ायती है. इसलिए ज्यादातर लोग ट्रेन में सफर करना पसंद करते है ट्रेन में बाहर का नज़रा देखने का एक अलग ही आनंद है और साथ में ही अजनबियों से बात करते हुए सफर में बहुत मज़ा आता है, और यह किसी और ट्रांसपोर्ट में नहीं मिलता। भारत में रेलवे स्टेशन की कुल संख्या क़रीब 8000 है और इसका मुख्यालय दिल्ली है.
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वैसे तो अभी के समय भारतीय रेलवे में काफी बदलाव आ चूके है, और इसी के साथ ट्रेन हो या स्टेशन दोनों ही काफी बदल चुके है और इसके साथ ही कई हाई स्पीड ट्रेनें भी चलाई जा रही हैं जो कि लंबी दूरी को चंद घंटो में तय करती है। अब ट्रेन बुकिंग भी एक क्लिक में घर बैठे ही हो जाती है.
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भारत की पहली ट्रेन कौन सी थी?Indian Railway
हमारे देश भारत में रेलवे के लिए पहला प्रस्ताव 1832 में मद्रास में बनाया गया था और इसकी नींव 8 मई 1845 में रखी गई थी. क्या आप जानते हैं कि, भारत की पहली ट्रेन कौन सी थी? भारत की पहली ट्रेन का नाम रेड हिल रेलवे (Red Hill Railway) था, जिसे 1836-1837 में रेड हिल्स से चिंताद्रीपेट पुल तक चलाया गया था. इन दोनों जगह की दूरी 25 किमी थी. इसे चलाने के लिए William Avery द्वारा निर्मित एक रोटरी स्टीम लोकोमोटिव का इस्तेमाल किया गया था. इस ट्रेन का निर्माण सर आर्थर कॉटन द्वारा किया गया था, जिसका इस्तेमाल ज़्यादातर मद्रास में सड़क निर्माण कार्य के लिए ग्रेनाइट पत्थरों के परिवहन के लिए किया जाता था.
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इसके बाद, 1845 में आर्थर ने Godavari Dam Construction Railway के लिए रेलवे का निर्माण किया, जिसका काम गोदावरी बांध के लिए पत्थर पहुंचाना था. पहली पैसेंजर ट्रेन भारत में 16 अप्रैल 1853 को बोरी बंदर (मुंबई) और ठाणे के बीच चलाई गई थी, जिसकी दूरी 34 किमी थी. इसमें 400 यात्रियों ने यात्रा की थी. भारत में जब ये ट्रेन चली थी तब इस दिन सार्वजनिक अवकाश का ऐलान किया गया था.
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