Mysterious Durga Temples: घर में बैठकर ही करे माँ दुर्गा के इन 4 रहस्य्मयी मंदिरो के दर्शन…
हां हम आपको मां भगवती के रहस्यमयी मंदिरों के दर्शन घर बैठे ही करा दे रहे हैं। यही नहीं इन मंदिरों की पूरी जानकारी भी आपके साथ शेयर कर रहे हैं। तो आइए फिर देवी मां का जयकारा लगाइए और हमारे साथ घर बैठे ही सैर करिए मां भवानी के इन रहस्यमयी मंदिरों की…
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( PUBLISHED BY – SEEMA UPADHYAY )
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Mysterious Durga Temples : नवरात्रि में हर कोई मां भवानी मंदिर जाकर दर्शन करना चाहता है। लेकिन अगर आप किसी कारणवश मंदिर में दर्शन करने नहीं जा सकते हैं तो चिंता न करें। यहां हम आपको घर बैठे रहस्यमयी मां भगवती मंदिरों के दर्शन कराते हैं।
इतना ही नहीं इन मंदिरों के बारे में पूरी जानकारी भी आपके साथ साझा की है। तो आइए एक बार फिर देवी मां का जयकारा करें और हमारे साथ घर पर ही इन रहस्यमयी मां भवानी मंदिरों की सैर करें…
जानें मंदिर की कैसी गजब है मान्यता
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देवी मां के अद्वितीय मंदिरों, लकम्मा देवी मंदिर की श्रृंखला में यह पहला मंदिर है। Mysterious Durga Temples यह कर्नाटक के कलाबुरगी जिले की अलंद तहसील के गोला गांव में स्थित है। यहां आने वाले श्रद्धालु देवी मां से प्रार्थना करते हुए अपनी चप्पल पेड़ पर बांध देते हैं। फिर जब मन्नतें पूरी हो जाती हैं, तो वे मंदिर में आते हैं और देवी मां को चप्पल की माला चढ़ाते हैं। मान्यता है कि भक्तों द्वारा चढ़ाई गई इसी चप्पल में देवी मां रात के समय बाहर निकलती हैं और मन्नतें पूरी करती हैं।.
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मनोकामना पूर्ति के लिए यहां लगाते हैं 108 परिक्रमा
मंदिरों की श्रृंखला में दूसरा मंदिर उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले की खुर्जा तहसील में स्थापित नवदुर्गा शक्ति मंदिर है। इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि इस मंदिर की 108 परिक्रमा करने से हर मनोकामना पूरी होती है। इसके अलावा मंदिर परिसर में एक स्तंभ भी है। इसे मनोकामना स्तंभ के नाम से जाना जाता है।
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कहा जाता है कि मंदिर की परिक्रमा करने के बाद इस मनोकामना स्तंभ पर एक गांठ भी बांध देनी चाहिए। इससे मन की हर इच्छा पूरी होती है। मंदिर में मौजूद देवी भगवती की मूर्ति में मां के नौ रूपों के दर्शन होते हैं। Mysterious Durga Temples माता की यह विशाल प्रतिमा चार टन अष्टधातु से बनी है जिसमें 27 खंड हैं। ऐसा माना जाता है कि पूरे भारत में मां दुर्गा की इतनी बड़ी और अनोखी मूर्ति कहीं नहीं है।
दो हजार वर्ग फुट के क्षेत्र में बना यह मंदिर एक अनूठी मूर्ति है जहां माता की मूर्ति अठारह भुजाओं वाली है। इस मूर्ति को 100 से ज्यादा मूर्तिकारों ने तैयार किया है। यह दिव्य मूर्ति 14 फीट लंबी और 11 फीट चौड़ी है। माता प्रतिमा के दायीं ओर हनुमान जी और बायीं ओर भैरोजी की प्रतिमा है। रथ के ऊपर भगवान शंकर और सारथी श्री गणेश विराजमान हैं।
यहां नवरात्रि में मूर्ति निकल आती है बाहर
Mysterious Durga Temples मुरैना के पास कैलारस-पहाड़गढ़ मार्ग पर वन क्षेत्र की पहाड़ियों में ‘मां बहारे वाली माता’ का मंदिर स्थित है। यह वास्तव में रहस्यमय है लेकिन यह सच है कि नवरात्रि के 9 दिनों में मां भरारे की मूर्ति का आकार दिन-ब-दिन बढ़ता जाता है। और इतना ही नहीं, नवमी के दिन मां की मूर्ति गर्भ से निकलती है।
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मंदिर से जुड़ी एक कहानी है कि पांडवों ने अपने वनवास के दौरान यहां अपनी कुलदेवी की पूजा की थी और पूजा के दौरान ही कुलदेवी एक बड़ी चट्टान में समा गई थीं। तभी से इस शिला के रूप में माता की पूजा की जाती है।
जहां बिना सिर झुकाए अंग्रेज भी नहीं जा सका
नैनीताल में स्थित इस मंदिर को पाषाण देवी के नाम से जाना जाता है। यहां देवी के 9 रूपों को एक साथ देखा जाता है। यहां नैनी झील के किनारे एक चट्टान पर मां भगवती की आकृति बनी हुई है। जिसे प्रकृति ने ही बनाया है। मातारानी के बारे में माना जाता है कि वे यहां हजारों सालों से बैठकर पहाड़ी इलाकों की रक्षा करती हैं।
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मंदिर परिसर में ही नौ पिंडियां हैं, जिन्हें मां के नौ रूपों का प्रतीक माना जाता है। इस मंदिर में मातारानी चुनरी लहंगे की जगह सिंदूर का चोला पहनती हैं। स्थानीय निवासियों के अनुसार एक बार एक अंग्रेज उधर से गुजरा। फिर उसने इस मंदिर को देखा और छोटे मंदिर का उपहास उड़ाने लगा।
जैसे ही उसने किया, वह और उसका घोड़ा झील में गिर गए। इसके बाद उन्होंने देवी भगवती से क्षमा याचना की। तभी वह झील से बाहर निकल सका। बाहर आते ही माँ के आँगन में सिर झुकाया, तब जाकर आगे बढ़ पाया।
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