बस नंबर 375 का रहस्य और भूतिया घटना क्या है?
( PUBLISHED BY – SEEMA UPADHYAY )
घटना 14 नवंबर 1995 की है, जब बीजिंग शहर के एक बस स्टॉप पर एक बूढ़ी औरत आखिरी बस का इंतजार कर रही थी। आधी रात हो चुकी थी और एक छोटा लड़का भी उस बस स्टॉप पर आखिरी बस का इंतज़ार कर रहा था।
जब आखिरी बस आई तो दोनों उस बस में सवार हो चुके थे। उस बस में एक ड्राइवर, एक कंडक्टर और दो युवा जोड़े पहले से मौजूद थे।
कुछ देर बाद बस में 3 और यात्री सवार हुए जो बहुत अजीब लग रहा था। उसके कपड़े भी बड़े अजीब थे, उनमें से एक चल भी नहीं सकता था। उन्हें देखकर ऐसा लग रहा था कि वे लोग पुराने जमाने के हैं।
2-3 बस स्टॉप के बाद दोनों नवयुवक उस बस से उतर गए। कुछ देर बाद बुढ़िया ने उस युवक पर चोरी का आरोप लगाया और बस रोकने को भी कहा।
युवक ने चोरी करने से साफ इनकार कर दिया। लेकिन उस बुढ़िया की बात मानकर बस चालक ने बस को रोक दिया।
इसके बाद बुढ़िया और युवक दोनों बस से नीचे उतर गए। युवक को समझ नहीं आ रहा था कि बुढ़िया ने उस पर चोरी का आरोप क्यों लगाया है।
बुढ़िया ने उससे कहा कि मैंने तुम्हारी जान बचाई है। लड़के ने आश्चर्य से पूछा कि उसने अपनी जान कैसे बचाई? इसके बाद बुढ़िया ने बताया कि बस में सवार 3 यात्री इंसान नहीं भूत थे और उनके पैर भी नहीं थे.
यह सुनकर युवक को भी लगा कि इस बूढ़ी औरत की बातें सच हैं क्योंकि वो 3 लोग भी उसे इंसान नहीं लगते थे। इसके बाद दोनों थाने गए लेकिन पुलिस को उनकी बातों पर विश्वास नहीं हुआ।
2 दिन बाद वह बस नंबर 375 पुलिस को नदी में डूबी अवस्था में मिली। उस बस में ड्राइवर, कंडक्टर और एक अज्ञात व्यक्ति के शव पड़े थे। यह बस अपने आखिरी बस स्टॉप से करीब 100 किमी दूर मिली।
इस बस का रहस्य अभी भी अनसुलझा है। कई लोग इस घटना को महज एक कहानी मानते हैं लेकिन कई लोग इसे सच्ची घटना मानते हैं।