स्वास्थ्य

हर घर के बर्तनो में चिपका है कैंसर ….!

Published By- Komal Sen

हम जब भी कोई प्लास्टिक का कंटेनर या बोतल खरीदने जाते हैं तो उसके नीचे एक त्रिकोण का निशान बना रहता है, जिसमें एक से लेकर 7 तक की मार्किंग की जाती है। यह मार्किंग बताती है कि उस प्लास्टिक कंटेनर का इस्तेमाल करना कितना सुरक्षित है।

लीवर कैंसर : घर में बर्तन भी आपके जीवन के दुश्मन बन सकते हैं. अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न कैलीफोर्निया के वैज्ञानिकों ने पाया कि नॉन-स्टिक पैन सहित लोकप्रिय खाना पकाने के उत्पादों पर ग्रीस के दाग लीवर कैंसर के खतरे को चौगुना कर सकते हैं। इसे वैज्ञानिक भाषा में ‘फॉरएवर केमिकल’ भी कहते हैं।

अगर आप फूड पैकेजिंग में प्लास्टिक की चीजों का इस्तेमाल करते हैं तो यह आपकी सेहत को और ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है। ये रसायन इन दिनों हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गए हैं।

क्या कहता है यह शोध?

अमेरिका के दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय ने 200,000 से अधिक लोगों के एक पूल पर यह शोध किया। इनमें से 50 ऐसे लोग थे जिन्हें लीवर कैंसर का पता चला था और इसकी तुलना उन 50 अन्य लोगों से की जिन्हें कैंसर नहीं था। शोधकर्ताओं ने निदान से पहले कैंसर से पीड़ित लोगों के रक्त के नमूनों का विश्लेषण किया। फिर इसकी तुलना उन लोगों के समूह से की, जिन्हें कभी यह बीमारी नहीं हुई थी। यह पाया गया कि जिन लोगों को कैंसर था, उनके खून में कई तरह के रसायन पाए गए।

विशेषज्ञों का क्या कहना है?

मैक्स हॉस्पिटल के गैस्ट्रो स्पेशलिस्ट मानव माधवन कहते हैं, ”आजकल लोग आराम को सबसे पहले रखने लगे हैं. जिससे कई तरह के केमिकल ट्रीटेड चीजों का इस्तेमाल बढ़ गया है। सिंथेटिक रसायन केवल खाद्य पैकेजिंग में ही नहीं बल्कि दाग प्रतिरोधी कपड़ों या नल के पानी, शैंपू, प्लास्टिक के बर्तनों में भी पाए जा रहे हैं।

ये चीजें हमारे शरीर में प्रवेश करते ही पच नहीं पाती हैं और लंबे समय तक शरीर के अंदर रहने के बाद रोग में बदल जाती हैं। इससे न केवल कैंसर बल्कि कई अन्य घातक बीमारियां होने की संभावना भी बढ़ जाती है।

चेतावनी क्या है?

सिंथेटिक रसायन हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गए हैं। रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र ने चेतावनी दी है कि ये रसायन हर जगह हैं। वे नॉन-स्टिक कुकवेयर, नल के पानी से लेकर समुद्री भोजन, वाटरप्रूफ कपड़ों, सफाई उत्पादों और शैंपू तक हर चीज में पाए जाते हैं। वे अब पूरी तरह से हमारे पर्यावरण में शामिल हो गए हैं। कई जानकार यह भी मानते हैं कि अब इससे निजात पाने में काफी देर हो चुकी है।

कैंसर विशेषज्ञ का क्या सुझाव है?

मैक्स अस्पताल के ऑन्कोलॉजिस्ट डॉक्टर सज्जन राजपुरोहित कहते हैं, ‘यह बिल्कुल सच है कि कैंसर होने का मुख्य कारण हमारे द्वारा कई तरह के घातक रसायनों का इस्तेमाल है। लेकिन कई बार हम यह गलती भी कर देते हैं क्योंकि हमारे अंदर जागरूकता की काफी कमी होती है। हम जब भी कोई चीज खरीदते हैं तो उसके लेबल की जांच नहीं करते हैं। फूड पैकेजिंग के नाम पर कई लोग प्लास्टिक की चीजों का इस्तेमाल करते हैं।

लेकिन वे कभी इस बात की जांच नहीं करते कि प्लास्टिक कितना सुरक्षित है। हर प्लास्टिक में यह लिखा होता है कि इसे कब तक और किस लिए इस्तेमाल करना चाहिए। इस आदत के कारण हमारे अंदर कई तरह की बीमारियां विकसित हो जाती हैं, जिनमें कैंसर प्रमुख है।

कौन सा प्लास्टिक उपयोग करने के लिए सुरक्षित है?

जब भी हम कोई प्लास्टिक का कंटेनर या बोतल खरीदने जाते हैं तो उसके नीचे एक त्रिकोण का निशान बना रहता है, जिसमें एक से लेकर 7 तक की मार्किंग की जाती है। यह मार्किंग बताती है कि उस प्लास्टिक कंटेनर का इस्तेमाल करना कितना सुरक्षित है।

संख्या 1 और 7 का अंकन इंगित करता है कि प्लास्टिक का उपयोग सावधानी से किया जाना चाहिए। एक या दो बार प्रयोग करने के बाद इसे कुचलकर रीसाइक्लिंग के लिए रख देना चाहिए। इसके अलावा 2, 4 और 5 मार्किंग वाली चीजें सबसे सुरक्षित होती हैं। इन्हें हम 5-6 महीने तक इस्तेमाल कर सकते हैं। 3 और 7 के निशान वाले प्लास्टिक बहुत खतरनाक होते हैं। उनका उपयोग केवल औद्योगिक उद्देश्यों के लिए किया जाना चाहिए।

इस बारे में लोगों का क्या कहना है?

नोएडा सेक्टर 35 की रेणु गौर कहती हैं, ‘हम अपने घर में ज्यादातर समय प्लास्टिक या फूड पैकेजिंग का इस्तेमाल करते हैं। इसके पीछे कारण यह भी है कि हमें रोजाना की भागदौड़ में समय नहीं मिल पाता है।

पूनम पांडे कहती हैं, ‘हमें न चाहते हुए भी प्लास्टिक का इस्तेमाल करना पड़ रहा है क्योंकि हमारे पास और कोई विकल्प नहीं है. भागदौड़ में अब हम पुराने ढंग से खाना नहीं बना सकते, जहां हमें केमिकल ट्रीटेड बर्तनों का इस्तेमाल कम करना पड़ता है।

बचाव के तरीके क्या हैं?

जब भी आप फास्ट फूड या नए बर्तन खरीदते हैं तो इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि उनकी पैकेजिंग में कितने रसायनों का इस्तेमाल किया गया है। अगर आप कपड़े खरीदते हैं तो भी इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उन कपड़ों में कम केमिकल ट्रीट किया जाता है। अधिकांश रासायनिक उपचार वाले सामानों का उपयोग हमें घातक बीमारी के करीब लाता है।

समुद्री भोजन खाते समय या यहां तक ​​कि अपने घरों में सफाई उत्पादों का उपयोग करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि ये सभी चीजें स्वास्थ्य को नुकसान भी पहुंचा सकती हैं। इसलिए हमें अभी से ज्यादा से ज्यादा ऑर्गेनिक चीजों का इस्तेमाल शुरू कर देना चाहिए।

Buland Chhattisgarh

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