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MahaShivrati 2024 : जानिए दुनिया के सबसे विशाल शिवलिंग होने के दावे का रहस्य्मयी सच…

( PUBLISHED BY – SEEMA UPADHYAY )

MahaShivrati 2024 : भगवान शिव के मंदिर तो अपने हर जगह पर देखें होंगे। बहुत से ऐसे मंदिर भी आपने देखें होंगे जिसे बेहद प्राचीन बताया जाता है. कई जगह स्थित शिवलिंग को तो दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग भी बताया जाता है. लेकिन इन सभी दावों में आखिर कितनी सच्चाई है, ये सच भी है या नहीं। तो चलिए आज हम आपको बताते है ऐसे ही दावे को अपने साथ लिए छत्तीसगढ़ के एक अनोखे शिवलिंग के बारे में जहा दावा किया जाता है की ये पूरे भारत का सबसे बड़ा शिवलिंग है…….

”जिसके बारे में दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग होने का दावा किया गया है.”

MahaShivrati 2024
MahaShivrati 2024

छत्तीसगढ़ राज्य की राजधानी रायपुर से मात्र 91 किमी. गरियाबंद जिले के एक छोटे से गांव मरौदा के घने जंगलों के बीच स्थित भूतेश्वर नाथ के नाम से विख्यात यह प्राकृतिक शिवलिंग विश्व का सबसे बड़ा, प्राकृतिक (स्वभू) शिवलिंग है।

भूतेश्वर नाथ महादेव के नाम से प्रसिद्ध प्रकृति प्रदत्त इस शिवलिंग की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसका आकार हर साल बढ़ता जा रहा है। जो अपने आप में सिद्ध करता है कि स्वयं भगवान शिव इस पवित्र भूमि पर शिवलिंग के रूप में विराजमान हैं।

शिवलिंग की यह विशेषता भक्तों के लिए चमत्कार है, लेकिन वैज्ञानिकों के लिए यह शोध का विषय है। इस प्राकृतिक शिवलिंग की ऊंचाई करीब 18 फीट और चौड़ाई (गोलाई) 20 फीट है। हर साल इस शिवलिंग की जांच सरकारी विभाग द्वारा की जाती है। उनके अनुसार शिवलिंग हर साल 6 से 8 इंच बढ़ रहा है।

भर्कुरा महादेव

भूतेश्वर नाथ महादेव को भकुर्रा महादेव के नाम से भी जाना जाता है। छत्तीसगढ़ की भाषा में चिल्लाने की आवाज को भकुर्रा कहते हैं। इसलिए भूतेश्वर महादेव को भकुर्रा महादेव के नाम से भी पुकारा जाता है।

MahaShivrati 2024
MahaShivrati 2024

भूतेश्वर नाथ महादेव के पीछे भगवान शिव की मूर्ति स्थित है, जिसमें भगवान शिव माता पार्वती, भगवान गणेश, भगवान कार्तिक, नंदी के साथ विराजमान हैं। इस शिवलिंग में थोड़ी सी दरार भी है, इसलिए इसकी अर्धनारीश्वर के रूप में पूजा की जाती है। इस शिवलिंग का बढ़ता आकार आज भी शोध का विषय है।

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भूतेश्वर नाथ महादेव का इतिहास

भूतेश्वर महादेव शिवलिंग स्वयंभू शिवलिंग है, क्योंकि आज भी इस शिवलिंग की उत्पत्ति और स्थापना के बारे में कोई सटीक तर्क नहीं है। लेकिन जानकारों और पूर्वजों के अनुसार कहा जाता है कि इस मंदिर की खोज करीब 30 साल पहले की गई थी। जब चारों ओर घने जंगल थे।

इन्हीं घने जंगलों के बीच स्थित एक छोटे से टीले से आसपास के गांवों के लोगों को बैल के दहाड़ने की आवाज सुनाई दी। लेकिन जब ग्रामीणों ने टीले का दौरा किया तो वहां न तो कोई बैल था और न ही कोई अन्य जानवर। ऐसी स्थिति देखकर धीरे-धीरे गांव वालों की आस्था उस टीले के प्रति बढ़ती गई और वे उसे शिव का रूप मानकर उसकी पूजा करने लगे।

तब से वह छोटा सा शिवलिंग सबसे बड़े शिवलिंग का रूप ले चुका है। अब इसे भक्तों की आस्था कहें या भगवान का चमत्कार, तब से अब तक शिवलिंग का विकास जारी है।सावन के महीने में आपको यहां खासतौर पर भक्तों की भीड़ देखने को मिलेगी। बाबा के दर्शन व दर्शन के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं।

MahaShivrati 2024
MahaShivrati 2024

कावडिय़ों के लिए यहां खास इंतजाम किए गए हैं, साथ ही शिवरात्रि पर यहां तीन दिवसीय मेले का आयोजन किया जाता है। भूतेश्वर नाथ पंच भूतों के स्वामी हैं और भक्त महाशिवरात्रि पर यहां पहुंचने के लिए खुद को बहुत भाग्यशाली मानते हैं।

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Vanshika Pandey

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