Breaking 2023:ऑटो सेक्टर में बढ़ा भारत का दबदबा
( PUBLISHED BY – SEEMA UPADHYAY )
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BREAKING 2023 : भारत के तेजी से बढ़ते ऑटोमोबाइल सेक्टर की चमक अब पूरी दुनिया में नजर आ रही है। निक्केई एशिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत पिछले साल वाहन बिक्री में जापान को पीछे छोड़कर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटो बाजार बन गया। इस सूची में चीन सबसे ऊपर है, जबकि अमेरिका दूसरे नंबर पर आता है।
क्या कहते हैं आंकड़े?
निक्केई एशिया के आंकड़ों के मुताबिक, चीन 2022 में दुनिया में सबसे ज्यादा वाहन बेचेगा। चीन में कुल 26.27 मिलियन कारों की बिक्री हुई। वहीं, अमेरिका 1.54 करोड़ कारों की बिक्री के साथ दूसरे नंबर पर है। प्रारंभिक रिपोर्टों के आधार पर, भारत में कुल नई कारों की बिक्री लगभग 4.25 मिलियन यूनिट थी, जबकि जापान में बेची गई कारों की संख्या 4.2 मिलियन यूनिट थी।
कोविड के बावजूद बढ़ी बिक्री
निक्केई एशिया ने कहा कि भारतीय ऑटो बाजार हाल के वर्षों में अस्थिर रहा है। अगर सालाना रिपोर्ट पर नजर डालें तो 2018 में करीब 44 लाख कारों की बिक्री हुई, जो 2019 की 40 लाख यूनिट से कम है। 2020 में लॉक होने के बाद कारों की बिक्री 3 करोड़ यूनिट तक पहुंच गई। वहीं, 2021 में स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ और बिक्री 40 लाख यूनिट तक पहुंच गई। हालांकि, तब से सेमीकंडक्टर चिप्स की आपूर्ति कम रही है।
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स के अनुसार, पिछले साल जनवरी और नवंबर 2022 के बीच भारत में कुल 4.13 मिलियन नए वाहनों की डिलीवरी हुई। एक साल में करीब 4.25 लाख यूनिट्स की बिक्री हुई।
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इन गाड़ियों की रही डिमांड
निक्केई एशिया ने बताया कि पिछले साल भारत में बिकने वाले अधिकांश वाहन हाइब्रिड थे, इसके बाद गैसोलीन से चलने वाले वाहन थे। वहीं, इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) का प्रदर्शन इतना अच्छा नहीं रहा। ब्रिटिश शोध फर्म यूरोमॉनिटर के अनुसार, 2021 में केवल 8.5 प्रतिशत भारतीय परिवारों के पास कार थी, लेकिन अब इसमें तेजी से वृद्धि देखी जा रही है।
कुल यात्री कारों की बिक्री के आंकड़े अभी उपलब्ध नहीं हैं। लेकिन जानकारों के मुताबिक भारत 2022 में 38 लाख यूनिट की बिक्री करेगा, जो जापान से 25 फीसदी ज्यादा है। उत्पादन के संदर्भ में, भारत ने 5 मिलियन से अधिक इकाइयों के साथ पहली बार हल्के वाहनों के चौथे सबसे बड़े निर्माता के रूप में अपना स्थान बरकरार रखा।
एसएंडपी ग्लोबल मोबिलिटी के उप निदेशक गौरव वांगल ने कहा कि पिछले दशक में नोटबंदी, एनबीएफसी संकट, बीएस4 से बीएस6 तक नियमन, सख्त सुरक्षा मानदंड लागू करना, कोविड-19, सेमीकंडक्टर चिप की कमी और यूक्रेन-रूस जैसी कई विपरीत परिस्थितियां रही हैं। इसके बावजूद भारत तीन सबसे बड़े बाजारों में से एक है।
सबसे तेजी से बढ़ने वाला बाजार
भारत 2022 में सबसे तेजी से बढ़ता ऑटोमोटिव बाजार है और किसी अन्य देश ने 20 प्रतिशत से अधिक की मजबूत वृद्धि नहीं देखी है। Breaking 2023 एसएंडपी ग्लोबल मोबिलिटी ने 1 नवंबर, 2022 की अपनी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि जापान को पछाड़ते हुए भारत 2022 की दूसरी और तीसरी तिमाही में तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोटिव बाजार बन गया है। इस बीच, चौथी तिमाही में, भारत के त्योहारी सीजन ने गति को और बढ़ा दिया और जापान को दौड़ से बाहर कर दिया।
तमाम चुनौतियों के बावजूद पिछले एक दशक में भारतीय हल्के वाहन बाजार में 3 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई है, जबकि अधिकांश बाजारों में स्थिर या नकारात्मक वृद्धि देखी गई है।
भारत में विकास की संभावनाएं
जापान के बाहर भारत पहले से ही सुजुकी का सबसे बड़ा बाजार है। यह अब हुंडई, किआ और स्कोडा ऑटो के लिए शीर्ष 3 बाजारों में भी स्थान पर है। रूसी-यूक्रेनी संघर्ष के कारण, प्रमुख निर्माता अब भारत में विकास के अवसरों की तलाश कर रहे हैं। हुंडई, किआ, रेनॉल्ट, निसान और स्कोडा-वोक्सवैगन सभी रूसी बाजार से बाहर हो गए हैं और विकास के लिए भारत पर नजर गड़ाए हुए हैं।
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