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कलश स्थापना के लिए जाने शुभ मुहूर्त..

Published By- Komal Sen

शारदीय नवरात्रि 26 सितंबर सोमवार से शुरू होकर 4 अक्टूबर तक चलेगी. इस बार कलश स्थापना के लिए 3 शुभ मुहूर्त हैं. यदि चित्रा नक्षत्र और वैधृति नाम का कोई अशुभ योग नहीं है तो स्थापना के लिए अधिक समय दिया जाएगा।

इस नवरात्रि में कोई तिथि नहीं पड़ रही है। इसलिए यह पर्व नौ दिनों तक चलेगा। इनमें दुर्गाष्टमी 3 अक्टूबर, महानवमी 4 अक्टूबर और दशहरा 5 अक्टूबर को मनाई जाएगी।

इस शक्ति उत्सव के दौरान तिथि, वार, नक्षत्र और ग्रहों से मिलकर दो सर्वार्थसिद्धि, एक द्विपुष्कर और तीन रवि योग बनेंगे। खरीदारी के लिए इन दिनों 8 शुभ मुहूर्त रहेंगे। इनमें से दो दिन संपत्ति में निवेश के लिए और तीन दिन वाहन खरीद के लिए शुभ रहेंगे।

26 सितंबर को केदार, भाद्र, हंस, गजकेसरी, शंख और पर्वत नाम के शुभ योग बन रहे हैं। इन 6 राजयोगों में नवरात्र शुरू हो रहे हैं। सूर्य, बुध, बृहस्पति और शनि द्वारा निर्मित इन शुभ योगों में कलश की स्थापना एक शुभ संकेत है।

नौ दिन की पूजा विधि

  1. प्रतिदिन पूजा से पहले अपने ऊपर गंगाजल छिड़कें, तिलक करें और दीपक जलाएं।
  2. प्रतिदिन भगवान गणेश, माता पार्वती फिर कलश और फिर देवी दुर्गा की पूजा करें।
  3. कुमकुम, चावल और हल्दी, मेहंदी सहित कई चीजों से पूजा करें, फिर आरती करके और उसके बाद नैवेद्य से प्रसाद बांटें.

माँ दुर्गा जी की आरती

ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी
तुम को निशदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिवरी. ॐ जय अम्बे…

मांग सिंदूर विराजत टीको मृगमद को
उज्जवल से दो नैना चन्द्र बदन नीको. ॐ जय अम्बे…

कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजे
रक्त पुष्प दल माला कंठन पर साजे. ॐ जय अम्बे…

केहरि वाहन राजत खड़्ग खप्पर धारी
सुर-नर मुनिजन सेवत तिनके दुखहारी. ॐ जय अम्बे…

कानन कुण्डल शोभित नासग्रे मोती
कोटिक चन्द्र दिवाकर राजत सम ज्योति. ॐ जय अम्बे…

शुम्भ निशुम्भ विडारे महिषासुर धाती
धूम्र विलोचन नैना निशदिन मदमाती. ॐ जय अम्बे…

चण्ड – मुंड संहारे सोणित बीज हरे
मधु कैटभ दोऊ मारे सुर भयहीन करे.ॐ जय अम्बे…

ब्रह्माणी रुद्राणी तुम कमला रानी
आगम निगम बखानी तुम शिव पटरानी. ॐ जय अम्बे…

चौसठ योगिनी मंगल गावत नृत्य करत भैरु
बाजत ताल मृदंगा और बाजत डमरु. ॐ जय अम्बे…

तुम ही जग की माता तुम ही हो भर्ता
भक्तन की दुःख हरता सुख सम्पत्ति कर्ताॐ जय अम्बे…

भुजा चार अति शोभित वर मुद्रा धारी
मन वांछित फ़ल पावत सेवत नर-नारी. ॐ जय अम्बे…

कंचन थार विराजत अगर कपूर बाती
श्रीमालकेतु में राजत कोटि रत्न ज्योति. ॐ जय अम्बे…

श्री अम्बे जी की आरती जो कोई नर गावे
कहत शिवानंद स्वामी सुख संपत्ति पावे. ॐ जय अम्बे…

Buland Chhattisgarh

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