Tourism
Trending

7 Temples In Mathura: प्रेम का प्रतीक, कृष्ण की मथुरा नगरी

ये हैं मथुरा के 7 प्रसिद्ध और खूबसूरत मंदिर, आप भी जरूर जाएं दर्शन करने

( PUBLISHED BY – SEEMA UPADHYAY )

7 Temples In Mathura : मथुरा मंदिरों की भूमि है, जहां आपको शहर के हर नुक्कड़ पर मंदिर ही मंदिर देखने को मिल जाएंगे। हालांकि, ‘भगवान कृष्ण जन्मभूमि’ में न केवल भगवान कृष्ण को बल्कि भगवान शिव को भी समर्पित मंदिर हैं। इस तरह आप यहां वैष्णव और शैव संस्कृति को एक साथ देख सकते हैं। मथुरा के इन मंदिरों में आप पर्यटकों की भारी संख्या में भीड़ देख सकते हैं। जन्माष्टमी के समय जब मंदिर चमकदार रोशनी, दीयों और रंगीन सजावट से जगमगा रहा होता है, तो यहां का दृश्य देखने लायक होता है। अगर आप भी मथुरा जाने की सोच रहे हैं, तो इस लेख में बताए गए मंदिरों के भी दर्शन करने अवश्य जाएं।

श्री कृष्ण जन्मस्थान मंदिर

श्री कृष्ण जन्मस्थान मंदिर उत्तर प्रदेश के पवित्र शहर मथुरा में स्थित है। यह जेल की कोठरी के चारों ओर बनाया गया है, जिसमें भगवान कृष्ण के माता-पिता, माता देवकी और वासुदेव कंस मां द्वारा कैद किये गए थे। हिंदुओं के लिए इस मंदिर का बहुत महत्व है क्योंकि इसे भगवान कृष्ण का जन्मस्थान माना जाता है। इस मंदिर में दर्शन करने का समय सुबह 5 बजे से दोपहर के 12 तक है और शाम 4 बजे से रात के 9 बजे तक है।

ALSO READ THIS – bulandchhattisgarh.com/10621/basant-panchami-2023/Basant Panchami 2023: इस शुभ योग से बदल जाएगी आपकी किस्मत..

द्वारकाधीश मंदिर

7 Temples In Mathura
7 Temples In Mathura

द्वारकाधीश मंदिर, जिसे मथुरा शहर के सबसे पवित्र मंदिरों में गिना जाना जाता है, अपनी विस्तृत वास्तुकला और चित्रों के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है। इसे वर्ष 1814 में निर्मित किया गया था, जिसकी चमक अभी भी बरकरार है।7 Temples In Mathura यमुना नदी के घाटों के पास स्थित मंदिर और उसके आसपास कई दिलचस्प एक्टिविटीज भी मौजूद हैं। इस मंदिर में दर्शन करने का समय सुबह 6:30 बजे से दोपहर के 10:30 तक है और शाम 4:30 बजे से रात के 7 बजे तक है।

बिड़ला मंदिर मथुरा

मथुरा जंक्शन से लगभग 6.5 किमी दूर वृंदावन-मथुरा रोड पर मथुरा के बाहरी इलाके में प्रसिद्ध बिड़ला मंदिर है, जिसे गीता मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह एक प्रमुख हिंदू तीर्थ स्थल है जहां तीर्थयात्री और पर्यटक समान रूप से आते हैं। यह मंदिर भगवान लक्ष्मी नारायण को समर्पित है। इस मंदिर में गर्मियों में दर्शन करने का समय सुबह 5 बजे से दोपहर के 12 तक है और दोपहर 2 बजे से रात के 9 बजे तक है। वही सर्दियों में दर्शन करने का समय सुबह 5:30 बजे से दोपहर के 12 तक है और दोपहर 2 बजे से रात के 8:30 बजे तक है।

श्री जुगल किशोर जी मंदिर

श्री जुगल किशोर जी मंदिर मथुरा में केशी घाट के पास स्थित है और इसलिए इसे केशी घाट मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। ये मंदिर शहर के चार सबसे पुराने मंदिरों में भी आता है। मंदिर का निर्माण 1727 ईस्वी में किया गया था, जो लाल बलुआ पत्थर में निर्मित है। मंदिर एक भव्य स्थापत्य शैली का दावा करता है।

ALSO READ THIS – bulandhindustan.com/5668/shree-krishna-is-present-here-even-today-with-deep-secrets/ Shree Krishna: यहाँ आज भी मौजूद है से गहरे राज

केशव देव मंदिर

केशव देव मंदिर मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के पीछे की भूमि पर स्थित है। यह महत्वपूर्ण ऐतिहासिक महत्व इसलिए रखता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस भूमि पर भगवान कृष्ण को बंदी बनाया गया था। बाद में, उस स्थल पर एक मंदिर का निर्माण भी किया गया, जिसे कई बार पुनर्निर्मित भी करवाया गया था। भगवान कृष्ण को समर्पित इस मंदिर में विशेष रूप से जन्माष्टमी के दौरान सबसे ज्यादा तीर्थयात्री दर्शन करने के लिए आते हैं। इस मंदिर में दर्शन करने का समय सुबह 5 बजे से रात के 9:30 बजे तक है।

चामुंडा देवी मंदिर

7 Temples In Mathura
7 Temples In Mathura

मथुरा में चामुंडा देवी मार्ग पर स्थित चामुंडा देवी मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि मां गायत्री तपोध के सामने स्थित जहां ये मंदिर है, वहां माँ गायत्री का एक बाल गिर गया था, जिसकी वजह से इस मंदिर का निर्माण करने का फैसला लिया गया। 7 Temples In Mathura कहा जाता है कि शांडिल्य ऋषि ने यहां तपस्या की थी और श्री गोरखनाथ ने भी यहीं ज्ञान प्राप्त किया था। इस मंदिर में दर्शन करने का समय सुबह 6:30 बजे से दोपहर के 12 तक है और शाम 4 बजे से रात के 9 बजे तक है।

श्री दाऊजी महाराज मंदिर

श्री दाऊजी महाराज मंदिर मथुरा और भारत में सबसे प्रतिष्ठित मंदिरों में से एक है। मंदिर 1535 ईस्वी से 5000 वर्षों से भी अधिक समय से यहां खड़ा हुआ है और ये मंदिर शहर के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। मंदिर के पीठासीन देवता भगवान बलराम हैं, जो भगवान कृष्ण के बड़े भाई थे। देश भर से भक्त और तीर्थयात्री भगवान विष्णु के बलदेव अवतार के पवित्र निवास में पूजा करने के लिए मंदिर में इकट्ठा होते हैं। भगवान बलदेव की मूर्ति ब्रज मंडल की सबसे विशाल, काले रंग की और दो हाथों वाली मानी जाती है। इस मंदिर में दर्शन करने का समय सुबह 8 बजे से शाम के 6 बजे तक है।

ALSO READ THIS – bulandmedia.com/5051/mahakaleshwar-jyotirlinga/Mahakaleshwar Jyotirlinga : महाकालेश्वर का स्वर्णिम इतिहास !

Vanshika Pandey

Show More

Related Articles

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker