लोन स्कैम में होगी RBI अधिकारियों की जाँच..
कर्ज घोटालों में आरबीआई अधिकारियों की हो सकती है जांच, सुप्रीम कोर्ट ने दिया नोटिस RBI officers may be investigated in loan scams, notice given by Supreme Court
Published By- Komal Sen
सुप्रीम कोर्ट विभिन्न बैंकिंग घोटालों में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अधिकारियों की संलिप्तता की जांच से संबंधित एक याचिका पर विचार करने के लिए सहमत हो गया है। यह याचिका भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने दायर की है। उन्होंने आरोप लगाया था कि किंगफिशर, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और यस बैंक जैसी संस्थाओं से जुड़े घोटालों में आरबीआई के अधिकारियों की संलिप्तता की जांच नहीं की गई है।
The Supreme Court has agreed to consider a petition seeking a probe into the involvement of Reserve Bank of India (RBI) officials in various banking scams. This petition has been filed by BJP leader Subramanian Swamy. He had alleged that the involvement of RBI officials in scams involving entities like Kingfisher, Bank of Maharashtra and Yes Bank has not been probed.
सुप्रीम कोर्ट सोमवार को इस याचिका पर विचार करने के लिए तैयार हो गया। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस बी वी नागरत्ना की बेंच ने इस याचिका पर केंद्रीय जांच ब्यूरो और आरबीआई को नोटिस देकर जवाब देने को कहा है। पीठ ने कहा, ‘हम इस पर विचार करेंगे। नोटिस जारी किया जाएगा।’ याचिका में, सुब्रमण्यम स्वामी ने यह भी आरोप लगाया है कि आरबीआई के अधिकारियों ने भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, बैंकिंग विनियमन अधिनियम और भारतीय स्टेट बैंक अधिनियम जैसे कानूनों का उल्लंघन करते हुए “मिलीभगत से काम किया”।
The Supreme Court agreed to consider this petition on Monday. A bench of Justice BR Gavai and Justice BV Nagarathna has asked the Central Bureau of Investigation and RBI to respond to this petition by giving notice. “We will consider it,” the bench said. Notice will be issued. In the petition, Subramanian Swamy has also alleged that RBI officials “acted in connivance” in violation of laws such as the Reserve Bank of India Act, the Banking Regulation Act and the State Bank of India Act.
याचिका में सुप्रीम कोर्ट से उन आरबीआई अधिकारियों के खिलाफ जांच का आदेश देने की मांग की गई है जो बड़ी रकम का कर्ज देने में शामिल थे जो बाद में धोखाधड़ी साबित हुए या जिन पर चूक हुई। इसमें सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि सीबीआई को इन अधिकारियों के अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने में विफलता और बैंक ऋण से संबंधित धोखाधड़ी के मामलों में उनकी संलिप्तता के लिए जांच करनी चाहिए। याचिका में बड़ी रकम से जुड़े कर्ज की धोखाधड़ी के मामलों की भी जानकारी दी गई है. इनमें से कुछ मामलों की जांच चल रही है। याचिका में कहा गया है कि ऐसे कर्ज आरबीआई के अधिकारियों ने मंजूर किए जो बैंकों के बोर्ड में हैं और इस वजह से इन अधिकारियों की जांच की जरूरत है.
The petition has sought the Supreme Court to order an inquiry against those RBI officials who were involved in giving loans of large sums which were later proved to be frauds or defaulted on them. In this, Subramanian Swamy has said that the CBI should investigate these officers for their failure to fulfill their responsibilities and their involvement in fraud cases related to bank loans.In the petition, information has also been given in the cases of fraud related to large amount of loans. Some of these cases are under investigation. It has been said in the petition that such loans were sanctioned by the officials of RBI who are on the board of banks and for this reason there is a need for investigation of these officers.
केंद्र सरकार ने हाल ही में इंटरनेट सर्च करने वाली दिग्गज कंपनी गूगल से अवैध उधार देने वाले ऐप्स के इस्तेमाल को रोकने के लिए सख्त नियम लागू करने को कहा है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) और RBI ने Google को इन ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया है। डिजिटल लेंडिंग सेगमेंट में धोखाधड़ी के मामले बढ़ने के बाद आरबीआई ने हाल ही में कर्जदाताओं से डिजिटल लेंडिंग सेवाओं के लिए सख्त नियम बनाने को कहा था।
The central government recently asked Internet search giant Google to implement strict rules to prevent the use of illegal lending apps. The Ministry of Electronics and Information Technology (MeitY) and RBI have directed Google to ban these apps. The RBI had recently asked lenders to make stricter rules for digital lending services after cases of frauds increased in the digital lending segment.