रिलायंस की एंट्री हुई सॉफ्ट ड्रिंक मार्केट में…
अंबानी ने 70 के दशक की कंपनी कैंपा कोला को खरीदा; कोका-कोला, पेप्सी को टक्कर देने की तैयारी में ..
Published By- Komal Sen
रिलायंस एफएमसीजी कारोबार में उतरने वाली है। रिलायंस रिटेल की निदेशक ईशा अंबानी ने हाल ही में एजीएम में इसकी घोषणा की। इस योजना के तहत मुकेश अंबानी ने दिल्ली स्थित प्योर ड्रिंक ग्रुप के साथ करीब 22 करोड़ रुपये में इस ब्रांड का अधिग्रहण किया है।
1977 में कोका कोला के भारत से बाहर हो जाने के बाद अपनी कमी को पूरा करने वाला कैंपा कोला अब फिर से बाजार में उतरने के लिए तैयार है।
कैम्पा कोला को 1970 के दशक में उसी प्योर ड्रिंक्स समूह द्वारा लॉन्च किया गया था जिसने 1949 में कोका-कोला को भारतीय सॉफ्ट ड्रिंक मार्केट में पेश किया था। रिलायंस इसे दिवाली पर लॉन्च करने की तैयारी कर रही है।
कोका-कोला और पेप्सिको से मुकाबला करने की तैयारी..
रिलायंस अब इस डील के साथ कोला मार्केट में उतरने जा रही है। इसका सीधा मुकाबला कोका-कोला और पेप्सिको से होगा। यह ग्राहकों के लिए फायदेमंद हो सकता है। रिलायंस कैंपा कोला को तीन फ्लेवर- लेमन, ऑरेंज और कोला में लॉन्च करने की तैयारी कर रही है।
कैंपा कोला के बाजार में आने के बाद प्राइस वॉर शुरू हो सकती है, जिसमें ग्राहकों को कम रेट पर कोल्ड ड्रिंक खरीदने को मिल सकता है।
पहले चरण में रिलायंस इसे अपने रिटेल स्टोर्स, जियोमार्ट और किराना स्टोर्स में बेचेगी। कैंपा को खरीदना रिलायंस की एफएमसीजी बाजार में उतरने की रणनीति का हिस्सा है। जिसे कंपनी इसी साल शुरू करने जा रही है।
रिलायंस पूरे देश में अपने नेटवर्क का विस्तार करने जा रही है
रिलायंस अब पूरे देश में अपने नेटवर्क का विस्तार करने जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 15 लाख से ज्यादा किराना स्टोर रिलायंस के बी2बी नेटवर्क से प्रॉडक्ट खरीदते हैं। कैंपा ब्रांड का अधिग्रहण एफएमसीजी कारोबार को बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा है।
इस तरह कैंपा कोला की शुरुआत हुई
1977 में आपातकाल की समाप्ति के बाद, जब चुनाव हुए, जनता पार्टी की सरकार बनी। इस दौरान जॉर्ज फर्नांडिस को सूचना मंत्री बनाया गया। इसके तुरंत बाद, उन्हें उद्योग मंत्रालय का प्रभार दिया गया। जैसे ही उन्होंने कार्यभार संभाला, जॉर्ज ने सभी विदेशी कंपनियों को नोटिस दिए।
कंपनियों के लिए 1973 में FERA संशोधन का पालन करना अनिवार्य कर दिया गया था। बाकी कंपनियों ने इस पर सहमति जताई, लेकिन कोका-कोला अटक गई। कोका-कोला की समस्या इसके गुप्त नुस्खा से जुड़ी थी। एक गुप्त सॉस जो अंतिम उत्पाद का केवल 4% था, लेकिन कोक का प्रसिद्ध स्वाद उसी से उपजा है।
इस वजह से कोक इसे पूरी तरह छुपा कर रखना चाहता था। कोक ने नए कानून का पालन करने के बजाय भारत से बाहर जाना बेहतर समझा। भारत से कोका-कोला के जाने के बाद प्योर ड्रिंक्स ग्रुप ने कैम्पा कोला पेश किया और यह विदेशी चुनौती के अभाव में बाजार में आ गया।