PUBLISHED BY : VANSHIKA PANDEY
देव दीपावली के शुभ अवसर पर आज पूरी दुनिया दिव्य काशी और भव्य काशी का नया रूप देखेगी शाम होते ही भगवान शिव की नगरी रोशनी से जगमगा उठेगी पर आज का काशी की हर गलियों और घाट को 4 चांद लगेंगे साथ ही आकाशगंगा के मिलन के अनमोल घड़ी की साक्षी बनने के लिए देश दुनिया भर से पर्यटक भी काशी पहुंचे चुके हैं
On the auspicious occasion of Dev Deepawali, today the whole world will see a new form of divine Kashi and the grand Kashi, as soon as the evening falls, the city of Lord Shiva will be lit up with lights, but today every lanes and ghat of Kashi will have 4 moons, as well as the priceless clock of the union of the galaxy. Tourists from all over the world have also reached Kashi to witness the
कार्तिक पूर्णिमा पर महादेव की नगरी में संध्या होते ही देवाधिदेव घाटों पर पूनम के चन्द्रमा के नेतृत्व में दीपमालाओं को ललकारेंगे। सुरसारी के तट पर जलते दीपों की आभा को रोशन करने के लिए लाखों नेत्र जोड़े घाटों पर पहुंचेंगे। पंचगंगा घाट पर श्रीमठ की सीढ़ियों के ऊपर स्थित हजारा (सहस्त्र दीप) की सफाई का कार्य पूरा कर लिया गया है।
On Kartik Purnima, as soon as it is evening in the city of Mahadev, Devadhidev will challenge the lamp garlands under the leadership of Poonam's moon at the ghats. Millions of pairs of eyes will reach the ghats to illuminate the aura of the burning lamps on the banks of Sursari. The cleaning work of Hazara (Sahastra Deep) situated on top of the steps of Shrimath at Panchganga Ghat has been completed.
महारानी अहिल्याबाई होल्कर द्वारा अर्पित हजारे का पहला दीप प्रज्ज्वलित करने के बाद घाटों पर दीप मालाओं की श्रंखला जलाई जाती है। इसके अलावा बूंदी परकोटा घाट की साज-सज्जा भी पूरी कर ली गई है। आदिकेशव घाट, राजघाट, गायघाट, पंचगंगा घाट, सिंधिया घाट, ललिताघाट, मीरघाट से दशाश्वमेध घाट, शीतलाघाट, अहिल्याबाई घाट, राजा चेत सिंह घाट, केदारघाट, तुलसीघाट से अस्सी घाट और रविदास घाट के दर्शन हो रहे हैं. गंगा के घाटों की सीढि़यों से उतरने के बाद, शहर के तालाबों और झीलों से लेकर घर के लगभग सभी मंदिरों और चौराहों तक, रेत के पार और तालाबों और झीलों में उत्सव की धूम मची हुई है।
A series of lamp garlands are lit at the Ghats after the first Hazare lamp is lit by Maharani Ahilyabai Holkar. Apart from this, the decoration of Bundi Parkota Ghat has also been completed.Adikeshav Ghat, Rajghat, Gayghat, Panchganga Ghat, Scindia Ghat, Lalitaghat, Meerghat to Dashashwamedh Ghat, Sheetlaghat, Ahilyabai Ghat, Raja Chet Singh Ghat, Kedarghat, Assi Ghat and Ravidas Ghat are visible from Tulsighat. After descending the steps of the ghats of the Ganges, festivities erupt across the sand and into ponds and lakes, from the city's ponds and lakes to almost all the temples and squares at home.
गंगा सेवा निधि की ओर से दशाश्वमेध घाट पर अमर शहीद ज्योति की प्रतिकृति तैयार है. देश के अमर जवानों को समर्पित रहेगी देव दीपावली। गंगोत्री सेवा समिति की ओर से 108 किलो अष्टधातु की गंगा प्रतिमा को 108 किलो फूलों से सजाया जाएगा। चेत सिंह घाट पर 3डी प्रोजेक्शन मैपिंग के माध्यम से गंगा अवतरण और देव दीपावली की कहानी दिखाई जाएगी।
A replica of Amar Shaheed Jyoti is ready on behalf of Ganga Seva Nidhi at Dashashwamedh Ghat. Dev Deepawali will be dedicated to the immortal soldiers of the country. Ganga statue of 108 kg Ashtadhatu will be decorated with 108 kg flowers on behalf of Gangotri Seva Samiti. The story of Ganga descent and Dev Deepawali will be shown through 3D projection mapping at Chet Singh Ghat.