छत्तीसगढ़
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बुलंदी के शानदार 16 साल

फलक ने ठानी है जहां पे बिजलियाँ गिराने की

हमे भी जिद है वहीँ आशियाँ बनाने की

अपने प्रारंभ से लेकर आज तक बुलंद छत्तीसगढ़ ने तमाम मुश्किलों और कटीली राहों के बावजूद अपनी पहचान बनाने में सफलता हासिल की है। इस अखबार पर सत्ता, राजनीति और प्रशासन का कई प्रकार से दबाव भी पड़ता रहा है लेकिन फिर भी बुलंद छत्तीसगढ़ ने समझौता नहीं किया और यही वजह है कि आज भी यह अखबार अपनी मौजूदगी का एहसास करा रहा है। साथ ही बुलंद छत्तीसगढ़ पूरी बुलंदी के साथ प्रदेश भर में अपनी खबरों और आलेखों से पाठकों तक वास्तविक सूचना और विचार पहुंचाने का दायित्व निभा रहा है।

आज से सोलह वर्ष पहले जब बुलंद छत्तीसगढ़ ने प्रकाशन की दुनिया में अपना पहला कदम रखा था, तब सबसे बड़ी चुनौती यही थी कि प्रदेश के तमाम बड़े अखबारों के बीच यह अपनी पहचान कैसे बना पायेगा लेकिन जल्द ही अपनी बेबाक खबरों से बुलंद छत्तीसगढ़ ने ऐसा स्थान बनाया कि पाठकों को इस अखबार का इन्तजार रहने लगा। बुलंद छत्तीसगढ़ ने बिना डरे उन सभी नेताओं, अधिकारीयों और प्रभावशाली लोगों के खिलाफ भी खबरें प्रकाशित की, जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे या जिन्होने किसी प्रकार की आर्थिक गड़बड़ी की हो। ऐसी बेबाक खबरों को रोकने के लिए पिछले कुछ वर्षों के दौरान बुलंद छत्तीसगढ़ पर कई तरह से दबाव भी डाला गया लेकिन इसके बाद भी बुलंद छत्तीसगढ़ ने किसी भी प्रकार का प्रलोभन स्वीकार नहीं किया और खबरों को उसी तरह से प्रस्तुत किया, जिस तरह से उसे पाठकों तक पहुंचना चाहिए.

आज इन सोलह वर्षों में कई बार ऐसे मौके भी आये जबरन प्रशासन ने झूठे प्रकरण बनाकर भी बुलंद छत्तीसगढ़ को खत्म करने का षड्यंत्र रचा। ऐसा भी हुआ कि इस अखबार के दफ्तर में लगे सी.सी.टी.वी. केमरा का डीबीआर, वीडियो और फोटो तक गायब कर दिए गए। उनमें जबरदस्ती छेड़छाड़ तक की गई,मोबाईल से वाट्सअप अकांउट को भी डिलीट कर दिया गया। यह सब कुछ केवल इसलिए किया गया, ताकि बुलंद छत्तीसगढ़ को दबाया जा सके लेकिन सत्ता की अस्थायी ताकत से रौब जमाने वाले या अपने पद और पॉवर की ताकत का दुरूपयोग करने वाले यह भूल गए कि उनकी कुर्सी आनी-जानी हो सकती है किन्तु बुलंद छत्तीसगढ़ को अपने निष्ठावान पाठकों की शक्ति मिली हुई है, जो हमेशा कायम रहेगी। ऐसे में बुलंद छत्तीसगढ़ को दबाना उनके लिए हर तरह से असंभव ही था और यही हुआ भी।


आज अपने सोलह साल में प्रवेश करने के बाद बुलंद छत्तीसगढ़ ने यह साबित कर दिया है कि वह सत्ता या प्रशासन के दबाव और प्रभाव में झुकने वाला कतई नहीं है बल्कि ऐसे हर दबाव के बाद वह और भी ज्यादा बुलंदी से उठकर खड़ा होता रहा है और पाठकों तक सही खबरें पहुंचाने के संकल्प को पूरा करता रहा है।


बुलंद छत्तीसगढ़ प्रदेश का ऐसा अखबार है, जिसने शहरों के साथ सुदूर गाँवों की खबरों को भी पूरी प्राथमिकता के साथ प्रकाशित किया है. पंचायतों की हर गतिविधि को भी इस अखबार ने पर्याप्त जगह दी है. इस वजह से बुलंद छत्तीसगढ़ का प्रसार ग्रामीण क्षेतों में भी तेजी से बढ़ रहा है. गाँव का पाठक भी अब सही खबरों को समझने लगा है और सरकार द्वारा प्रायोजित खबरों से मुंह मोड़ने लगा है पाठकों को इस तरह जागरूक करने में निश्चित रूप से बुलंद छत्तीसगढ़ अखबार की अहम भूमिका रही है।

अब इस अखबार ने अपना विस्तार करते हुए भिलाई /दुर्ग बिलासपुर में भी ब्यूरो कार्यालय शुरू कर दिया है, ताकि वहां की महत्वपूर्ण खबरें पाठकों तक जल्द से जल्द पहुंचाई जा सकें। आने वाले समय में बुलंद छत्तीसगढ़ और भी विस्तार की योजना बना रहा है और इसे छत्तीसगढ़ के साथ ही पडोसी राज्यों में भी पहुँचाने के प्रयास किये जायेंगे। बुलंद छत्तीसगढ़ अपने नाम के अनुरूप ही बुलंदी की ओर लगातार बढ़ता जा रहा है और यह सफर निरंतर जारी रहेगा।

Vanshika Pandey

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