![Sawan Shivratri 2023 :](https://bulandchhattisgarh.com/wp-content/uploads/2023/07/43ec9a5cf79ce098f950007f6c5cd1b2.jpg)
सावन शिवरात्रि हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण एक व्रत त्योहार है जो भगवान शिव को समर्पित होता है। यह पर्व सावन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है, जो वर्षभर में जुलाई या अगस्त महीने में पड़ती है। यह व्रत त्योहार भारत में विशेष रूप से उत्तर भारतीय राज्यों में प्रचलित है, जहां इसे धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है।
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Sawan Shivratri 2023 : दिन और रात भोजन नहीं करते
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शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है और उनकी अराधना की जाती है। यह व्रत रखने वाले लोग सावन के महीने में अलग-अलग प्रकार की पूजा-अराधना करते हैं, जैसे कि शिवलिंग पर जल, धूप, बिल्वपत्र, फूल आदि चढ़ाते हैं। कुछ लोग निर्जला व्रत (भूक्ष्यरहित व्रत) रखते हैं, जिसमें वे पूरे दिन और रात भोजन नहीं करते हैं।
Sawan Shivratri 2023 : शिव मंत्रों का जाप
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इस दिन शिवाजी की कथा, शिव चालीसा और शिव मंत्रों का जाप किया जाता है तथा शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ जुटती है। भक्तों का मानना है कि सावन शिवरात्रि के दिन शिवजी प्रतिष्ठा को बहुत प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
Sawan Shivratri 2023 : शिव चालीसा
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।दोहा।।
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भये प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥
मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥
धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥
नमो नमो जय नमो शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥
ॠनिया जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥
कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
॥दोहा॥
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
तुम मेरी मनोकामना, पूर्ण करो जगदीश॥
मगसर छठि हेमन्त ॠतु, संवत चौसठ जान।
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
Sawan Shivratri 2023 : भक्ति का एक रूप
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सावन शिवरात्रि के दौरान कुछ लोग बर्फ, गंगाजल या धूलि द्वारा शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं, जिसे भोले बाबा की भक्ति का एक रूप माना जाता है। यह पर्व भगवान शिव की आराधना, भक्ति और निष्ठा को मजबूत करने का एक अवसर है।
Sawan Shivratri 2023 : सावन शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में क्या अंतर है?
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सावन शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में क्या अंतर है?ये दोनों ही पर्व अलग-अलग हैं। शिवरात्रि हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर आती है।महाशिवरात्रि साल भर में एक ही बार मनाई जाती है। फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था।
Sawan Shivratri 2023 : दो शुभ योग
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इस बार सावन की शिवरात्रि में दो शुभ योग बन रहे हैं. इस बार वृद्धि और ध्रुव योग बने हैं. इसमें भोलेनाथ की पूजा करने से कई सारे कष्ट दूर होते हैं.
Sawan Shivratri 2023 : वृद्धि योग का समय
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सावन की शिवरात्रि में पड़ने वाले वृद्धि योग का समय 15 जुलाई को 8 बजकर 22 मिनट तक रहेगा. इसके बाद ध्रुव योग बन जाएगा जो रात में 12.23 मिनट तक रहेगा.
Sawan Shivratri 2023 : दूध घी दही शक्कर से करे जलाभिषेक
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सावन कि शिवरात्रि पर भगवान भोलेनाथ का दूध घी दही शक्कर से जलाभिषेक करने से आर्थिक समस्याओं से निजात मिलता है.
Sawan Shivratri 2023 : शिव आरती
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जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥
अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव…॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव…॥
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव…॥
त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय शिव…॥