![](https://bulandchhattisgarh.com/wp-content/uploads/2023/05/1-14.jpg)
Published By : Kavita Yadav
![](https://bulandchhattisgarh.com/wp-content/uploads/2023/05/3-13.jpg)
मकर संक्रांति 2024 :
![](https://bulandchhattisgarh.com/wp-content/uploads/2023/05/2-11.jpg)
मकर संक्रांति हिंदुअ का प्रसिद्ध त्यौहार है। यह त्यौहार कुछ अन्य भागो में और भारत के कई हिसू में मनाया जाता है। मकर संक्रांति आम तौर पर हर साल 14 या 15 जनवरी को माया जाता है। यह त्यौहार हिन्दू कैलेंडर के अनुशार जा पौस मॉस में जब सूर्य मकर राशि में आता है , तभी इस त्यौहार को मनाया जाता है। इस दिन का महत्त्व खिचड़ी खाने का और खिचड़ी दान करने का महत्त्व होता है। इस त्यौहार में सभी लोग सूर्य भगवान की पूजा करते है। मकर संक्रांति का त्यौहार किशानो के लिए मुख्य त्यौहार होता है। मकर संक्रांति का त्यौहार किशानो द्वारा हर्षो उल्लास के साथ माया जाया है। सभी राज्यों में लोग पतंग उड़ाते है। ताकि सूर्य देव प्रशन्न हो। और इस दिन का सबसे खास बात की सभी लोग एक दूसरे को तिल की लड्डू बाटते है। यह स्वादिष्ट और सेहत के लिया अच्छा होता है।
मकर संक्रांति का महत्त्व 2024
![](https://bulandchhattisgarh.com/wp-content/uploads/2023/05/4-11.jpg)
ऐसी मान्यता है की इस दिन भगवान भासकर अपने पुत्र शनि से मिलने स्वयं उसके घर जाते है। शनिदेव मकर राशि के स्वामी है। इस कारण से इस दिन को मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है। महाभारत कल में भीष्म पितामह ने अपनी देह त्यागने के लिए मकर संक्रांति का ही चयन किया था। मकर संक्रांति के दिन ही गंगाजी भगीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम में जाकर मिली थी।