PUBLISHED BY – LISHA DHIGE
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Navratri 2023 : नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा और उन्हें प्रसन्न किया जाता है। मां चंद्रघंटा को शुभ और शांतिदायक माना जाता है। मां के मस्तक पर घड़ी के आकार का अर्धचन्द्र अंकित होता है। इसलिए मां को चंद्रघंटा कहा जाता है। मां चंद्रघंटा की पूजा करने से न केवल रोगों से मुक्ति मिलती है
बल्कि मां को प्रसन्न कर सभी संकट भी दूर हो जाते हैं।हिंदू धर्म में चंद्रघंटा देवी महादेवी का तीसरा नवदुर्गा स्वरूप है, जिनकी पूजा नवरात्रि के तीसरे दिन (नवदुर्गा की नौ दिव्य रातें) की जाती है। उनके नाम पर किया जाता है चंद्र-घण्टा का अर्थ है “वह जिसके पास अर्ध-चंद्रमा आकार की घंटी है “।
चंद्रघंटा देवी की उत्पत्ति कैसे हुई?
मां चंद्रघंटा की उत्पत्ति की कहानी बहुत ही अद्भुत है। पौराणिक कथा के अनुसार, जब देवी सती ने अपने शरीर को यज्ञ की आग में जला दिया, तब उन्होंने पर्वतराज हिमालय के घर में पार्वती के रूप में जन्म लिया।
माता चंद्रघंटा की कथा
प्रचलित कथा के अनुसार, जब राक्षसों का आतंक बढ़ गया तो मां दुर्गा ने मां चंद्रघंटा के रूप में अवतार लिया। उस समय देवताओं के साथ महिषासुर का भीषण युद्ध चल रहा था।Navratri 2023महिषासुर देवराज इंद्र की गद्दी हासिल करना चाहता था। वह इस युद्ध में स्वर्गीय दुनिया पर हावी होने की अपनी इच्छा को पूरा करने के लिए लड़े थे।
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जानिए माता का नाम चंद्रघंटा क्यों पड़ा ?
मां का यह स्वरूप परम शांतिदायक और मंगलकारी है। इनके सिर पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र है, इसलिए इन्हें चंद्रघंटा देवी कहा जाता है।
चंद्रघंटा की पूजा क्यों की जाती है?
कहा जाता है कि माता चंद्रघंटा की पूजा करने से न केवल भय से मुक्ति मिलती है बल्कि साहस और शक्ति में भी अपार वृद्धि होती है। नवदुर्गा के इस रूप की पूजा करने से कई जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है। देवी का यह स्वरूप अत्यंत शांतिदायक और लाभकारी माना जाता है।
चंद्रघंटा मां को क्या पसंद है?
मां चंद्रघंटा की पूजा करते समय पूजा करने वाले को सोने या पीले रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए। मां को सफेद कमल और पीले गुलाब की माला अर्पित करें।Navratri 2023मां को केसर की खीर और दूध से बनी मिठाई का भोग लगाना चाहिए। मां को पंचामृत, शक्कर और मिठाई का भी भोग लगाना चाहिए।
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माता चंद्रघंटा की पूजा विधि
ॐ देवी चंद्रघंटायै नम: का जाप कर मां की पूजा की जाती है।Navratri 2023सिंदूर, अक्षत, चंदन, लोबान, माता चंद्रघंटा के पुष्पों का नैवेद्य अर्पित करें। आप मां को दूध की मिठाई का भी भोग लगा सकते हैं। नवरात्रि के हर दिन नियमानुसार दुर्गा चालीसा और दुर्गा आरती करें।