जहां-जहां काम किया भस्मासुर, वहां वहां बंटाधार..
छत्तीसगढ़ जल संसाधन विभाग में एक ऐसा भस्मासुर रूपी ठेकेदार सुनील अग्रवाल है जिसने बस्तर के आमागुड़ा से लेकर सरगुजा के मोहरा एनीकट के अलावा बिलासपुर संभाग के अरपा भैसाझार, शिव घाट,पचरी घाट इत्यादि जिन जिन एनीकट या बैराज में काम किया है वहां वहां भ्रष्टाचार के साथ-साथ बैराज का सिर्फ और सिर्फ बंटाधार हुआ है l यहां तक की अर्पा भैसाझार परियोजना को शुरू हुए आज 10 साल से अधिक का समय बीत चुका है लेकिन आज दिनांक तक परियोजना पूरी नहीं हुई है और ठेकेदार द्वारा मुख्य अभियंता अजय सोमावार के साथ मिलकर बगैर काम किए ही लगभग 20 करोड़ से अधिक की राशि का भुगतान ले चुका है l
आश्चर्य की बात यह है कि अभी भस्मासुर रूपी ठेकेदार के द्वारा किए जा रहे लगभग सभी बैराज अधूरे पड़े हैं फिर भी शासन द्वारा तो बड़े और एनीकट का टेंडर फिर से इन्हें स्वीकृत कर दिया गया है, एक बिलासपुर संभाग के खारंग डिवीजन के बिल्हा में तो दूसरा रायपुर संभाग के कसडोल डिवीजन में l अति विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है कि भस्मासुर रूपी ठेकेदार के द्वारा इन कामों को पेटी कॉन्ट्रैक्ट पर अन्य ठेकेदार को देकर होली बाद बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने की योजना बनाने की तैयारी चल रही है देखना यह है कि ईडी की नजर छत्तीसगढ़ के जल संसाधन विभाग के इस भस्मासुर रूपी ठेकेदार सुनील अग्रवाल एवं बिलासपुर संभाग के मुख्य अभियंता अजय सोमावार के ऊपर कब पड़ती है.