Chaitra Navratri 2024 : जयकारा शेरावाली का ….
मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा चैत्र नवरात्रि में भी की जाती है और शारदीय नवरात्रि में भी, लेकिन फिर भी आखिर ऐसा क्या है, जो दोनों ही नवरात्री को एक दूसरे से अलग बनाता है. 9 अप्रैल को चैत्र नवरात्रि शुरू हो रहे हैं, इस मौके पर जानिए की आखिर चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि के बीच अंतर क्या है ..
Chaitra Navratri 2024 साल में दो बार नवरात्रि (Navratri) का पर्व आता है. पहला चैत्र के महीने में, इस नवरात्रि के साथ हिंदू नव वर्ष (Hindu New Year) की भी शुरुआत भी होती है. इसे चैत्र नवरात्री (Chaitra Navratri) कहा जाता है. दूसरी नवरात्रि आश्विन माह में आती है, जिसे शारदीय नवरात्रि के नाम से जाना जाता है. पौष और आषाढ़ के महीने में भी नवरात्रि का पर्व आता है, जिसे गुप्त नवरात्रि कहा जाता है, लेकिन उस नवरात्रि में तंत्र साधना की जाती है, गृहस्थ और पारिवारिक लोगों के लिए सिर्फ चैत्र और शारदीय नवरात्रि को ही उत्तम माना गया है. दोनों ही नवरात्री में मातारानी के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है. इस बार चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल को बुधवार के दिन शुरू हो रही है.
चैत्र नवरात्रि मनाने का कारण Chaitra Navratri 2024
जब धरती पर महिषासुर का आतंक काफी बढ़ गया और देवता भी उसे हरा पाने में असमर्थ हो गए, क्योंकि महिषासुर को वरदान प्राप्त था कि कोई भी देवता या फिर दानव उसपर विजय प्राप्त नहीं कर सकता. ऐसे में देवताओं ने माता पार्वती को प्रसन्न कर उनसे रक्षा के लिए अनुरोध किया. इसके बाद देवी पार्वती ने अपने अंश से नौ रूप प्रकट किए, जिन्हें देवताओं ने अपने शस्त्र देकर शक्ति संपन्न किया. ये क्रम चैत्र के महीने में प्रतिपदा तिथि से शुरू होकर 9 दिनों तक चला, तब से इन नौ दिनों को चैत्र नवरात्रि के तौर पर मनाया जाता है
शारदीय नवरात्रि मनाने का कारण Chaitra Navratri 2024
देवी दुर्गा ने आश्विन के महीने में महिषासुर पर आक्रमण कर उससे नौ दिनों तक युद्ध किया और दसवें दिन उसका वध किया. इसलिए इन नौ दिनों को शक्ति की आराधना के लिए समर्पित कर दिया गया. क्यूंकि आश्विन मास में शरद ऋतु का प्रारंभ हो जाता है, और इसलिए इसे शारदीय नवरात्रि कहा जाता है. शारदीय नवरात्रि के दसवें दिन को विजयदशमी के रूप में मनाया जाता है.
मातारानी के नौ रूप कौन से है Chaitra Navratri 2024
- मां शैलपुत्री मां दुर्गा का पहला रूप है शैलपुत्री का।
- मां ब्रह्मचारिणी यह मां दुर्गा का दूसरा रूप है।
- मां चंद्रघंटा यह मां दुर्गा का तीसरा रूप है।
- मां कूष्मांडा यह मां दुर्गा का चौथा रूप है।
- मां स्कंदमाता यह मां दुर्गा का पांचवा रूप है।
- मां कात्यायनी माता दुर्गा का छठा रूप है मां कात्यायनी का। .
- मां कालरात्रि
- मां महागौरी