देश में हर साल हम सभी 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस या गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। दरअसल, भारत का संविधान इसी दिन लागू हुआ था। 15 अगस्त 1947 को जब देश को अंग्रेजों से आजादी मिली, तब तीन साल बाद देश में भारत का संविधान लागू हुआ यानी 1950 में संविधान लागू हुआ
। इस बार देश 74वां गणतंत्र दिवस मनाएगा। हर साल गणतंत्र दिवस के मौके पर राजधानी दिल्ली के लाल किले पर झंडा फहराया जाता है। इस दिन देश भर में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। बच्चे स्कूलों में कई कार्यक्रम करते हैं। गणतंत्र दिवस देश के लिए किसी राष्ट्रीय पर्व से कम नहीं है। इस दिन सार्वजनिक अवकाश होता है। इस अवसर पर राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक राजपथ पर एक बहुत ही भव्य और आकर्षक जुलूस निकलता है। आइए जानते हैं कि सबसे पहले गणतंत्र दिवस कहां, कैसे मनाया गया और हम इस दिन को क्यों मनाते हैं।
सबसे पहले गणतंत्र दिवस कहाँ और कैसे मनाया गया था : 26 January 2023
क्या आप जानते हैं कि पहला गणतंत्र दिवस कहां मनाया गया था? पहला गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 1950 को दिल्ली में मनाया गया था। उसके बाद पहली गणतंत्र दिवस परेड का भी आयोजन किया गया। ब्रिटिश स्टेडियम पुराने किले के पास हुआ करता था। यहीं पर लोगों ने पहली परेड देखी थी। आज यह जगह काफी बदल चुकी है। दिल्ली के पुराने किले में देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद. इस मौके पर प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू भी मौजूद थे।
गणतंत्र दिवस क्यों मनाते हैं? : 26 January 2023
भारत में 26 जनवरी 1950 को पूरे देश में पहला गणतंत्र दिवस मनाया गया। भारत का संविधान भी इसी दिन लागू हुआ था। डॉ। भीम राव अंबेडकर ने संविधान मसौदा समिति की अध्यक्षता की। 26 नवंबर 1949 को भारत की संविधान सभा ने भी देश के संविधान को अपनाया। 26 जनवरी 1950 को देश को पूरी तरह गणतंत्र घोषित कर दिया गया। 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस इसलिए भी मनाया जाता है क्योंकि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने देश को पूरी तरह से स्वतंत्र घोषित किया था। 26 जनवरी, 1930 को पूर्ण स्वराज की घोषणा की तारीख को बहुत महत्वपूर्ण माना गया और इसलिए 26 जनवरी, 1950 को भारत का संविधान बनाया गया, जिसके बाद 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस घोषित किया गया और इस दिन को विशेष रूप से मनाया जाने लगा।