Chaitra Navratri 2023: नवरात्री के इन 9 चमत्कारी रहस्यों के बारे में जानकार हो जाएंगे हैरान…
हिन्दू त्योहार नवरात्रि उत्सव के समय उपवास, पूजा, साधना, सिद्धि और भजन किया जाता रहा है। आओ जानते हैं नवरात्रि के 9 रहस्य।
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( PUBLISHED BY – SEEMA UPADHYAY )
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Chaitra Navratri 2023 : हिन्दू त्योहार नवरात्रि उत्सव के समय उपवास, पूजा, साधना, सिद्धि और भजन किया जाता रहा है। चैत्र नवरात्री 2023 का शुभ पर्व आने वाला है. भक्ति भाव से सराबोर इस त्यौहार को लोग पुरे उत्साह और उमंग के साथ मानते है. माँ दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा अर्चना की जाती है। Chaitra Navratri 2023 लेकिन क्या आप जानते है की नवरात्री के इन 9 दिनों के जैसे ही नवरात्री के 9 रहस्य भी होते है। तो आज हम आपको बताते है नवरात्रि के उन 9 चमत्कारी रहस्यों के बारे में…
पहला रहस्य
36 रात्रियां : नवरात्रि वर्ष के चार महत्वपूर्ण पवित्र महीनों में आती है। वे चार महीने हैं: चैत्र, आषाढ़, आश्विन और पौष। चैत्र मास में आने वाली चैत्र नवरात्रि जिसे बड़ी नवरात्रि या वसंत नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है। Chaitra Navratri 2023 नवरात्रि आषाढ़ और पौष मास को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। आश्विन मास की नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि कहा जाता है।
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दूसरा रहस्य
9 छिद्र : घोड़ी के शरीर में 9 छेद होते हैं। दो आंखें, दो कान, दो नासिका, दो जननांग और एक मुंह। यदि आप उपरोक्त नौ अंगों को शुद्ध और शुद्ध करते हैं, तो मन शुद्ध होगा और छठवीं इंद्रिय जाग्रत होगी। नींद में ये सभी इंद्रियां या छेद गायब हो जाते हैं और केवल मन ही जागता रहता है। (वर्ष के 36वें नवरात्रों में उपवास करने से अंगों के भीतरी भाग पूरी तरह से शुद्ध हो जाते हैं।)
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तीसरा रहस्य
पूर्ण संयम : इन नौ दिनों में शराब, मांस खाना और संभोग वर्जित माना गया है। ऐसा अपराध करने वाला व्यक्ति निश्चय ही अपनी माता का अनादर कर रहा है। इन नौ दिनों के व्रत में की गई हर तरह की साधना और मनोकामना पूरी होती है।
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चौथा रहस्य
पवित्र है ये रात्रियां : नवरात्र शब्द का अर्थ है “नव अहोरात्र” जिसका अर्थ है विशेष रातें। इन रातों में प्रकृति के कई विघ्नों का अंत होता है। यदि ध्वनि दिन की अपेक्षा रात में की जाए तो वह दूर तक जाती है। इसलिए इन रात्रियों में सिद्धि और साधना की जाती है।
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पांचवां रहस्य
9 देवियां : शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री का पूजन विधि विधान से किया जाता है। कहते हैं कि कात्यायनी ने ही महिषासुर का वध किया था इसलिए उन्हें महिषासुरमर्दिनी भी कहते हैं। (दुर्गा सप्तशती के अनुसार इनके अन्य रूप भी हैं:- ब्राह्मणी, महेश्वरी, कौमारी, वैष्णवी, वाराही, नरसिंही, ऐन्द्री, शिवदूती, भीमादेवी, भ्रामरी, शाकम्भरी, आदिशक्ति और रक्तदन्तिका।)
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छठा रहस्य
नौ भोग और औषधि : शैलपुत्री कुट्टू और हरड़, ब्रह्मचारिणी दूध-दही और ब्राह्मी, चन्द्रघंटा चौलाई और चन्दुसूर, कूष्मांडा पेठा, स्कंदमाता श्यामक चावल और अलसी, कात्यायनी हरी तरकारी और मोइया, कालरात्रि कालीमिर्च, तुलसी और नागदौन, महागौरी साबूदाना तुलसी, सिद्धिदात्री आंवला और शतावरी।
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सातवां रहस्य
अलग अलग देवियां : देवियों में त्रिदेवी, नवदुर्गा, दशमहाविद्या और चौसठ योगिनियों का समूह है। आदि शक्ति अम्बिका सर्वोच्च है और इसके कई रूप हैं। सती, पार्वती, उमा और काली माता भगवान शंकर की पत्नियां हैं। (यह अंबिका थी जिसने दुर्गामासुर का वध किया था, इसलिए उन्हें दुर्गा माता कहा जाता है।)
आठवां रहस्य
दशमहाविद्याएं : नवदुर्गा में दशमहाविद्याओं की भी पूजा होती है। इनके नाम है-1. काली, 2. तारा, 3. छिन्नमस्ता, 4. षोडशी, 5. भुवनेश्वरी, 6. त्रिपुरभैरवी, 7. धूमावती, 8. बगलामुखी, 9. मातंगी और 10 कमला।
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नौवां रहस्य
देवियों की पहचान : प्रत्येक देवी की पहचान उनके वाहन, भुजा और अस्त्र से होती है। जैसे अष्टभुजाधारी देवी दुर्गा और कात्यायनी सिंह पर सवार होती हैं, तो माता पार्वती, चंद्रघंटा और कुष्मांडा शेर पर विराजमान होती हैं। Chaitra Navratri 2023 बैल पर शैलपुत्री और महागौरी, गधे पर कालरात्रि और कमल पर सिद्धिदात्री विराजमान हैं। (इसी तरह, सभी देवियों की अलग-अलग सवारी होती है।)
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