6 अक्टूबर से शुरू होगी “छत्तीसगढ़िया ओलंपिक”..
रायपुर : विशेष लेख: अभूतपूर्व उत्साह, उल्लास और रचनात्मकता के पर्याय हैं लोक खेल, छह अक्टूबर से शुरू होगा 'छत्तीसगढ़िया ओलंपिक'
Published By- Komal Sen
लोक खेल उत्साह, आनंद और रचनात्मकता के पर्याय हैं। स्थानीय सामग्री की आसान उपलब्धता, खेलने की स्थानीय शैली, मौज-मस्ती और मनोरंजन के कारण लोक खेल जनता के बीच बहुत लोकप्रिय हैं। ऐसे समय में जब बच्चों, किशोरों और युवाओं सहित नागरिकों की पूरी दुनिया मोबाइल की हो रही है और उनका स्वाभाविक उत्साह, मुस्कान और बचपन की रचनात्मकता भी छोटी होती जा रही है। ऐसे में उनकी दुनिया और खेल के मैदान को एक बार फिर चौड़ा करने की जरूरत हर जगह महसूस की जा रही है. निश्चय ही लोक खेल इस दिशा में एक सार्थक कदम बन सकते हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में लोक कला, लोक संस्कृति और लोक भोजन को लगातार बढ़ावा देने वाली छत्तीसगढ़ सरकार अब इस दिशा में एक कदम आगे बढ़ रही है और लोक खेलों पर आधारित ‘छत्तीसगढ़िया ओलंपिक’ का आयोजन कर रही है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर 6 सितंबर को कैबिनेट में लिए गए निर्णय के बाद छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का खाका तैयार किया गया है. छह स्तरों में होने वाले ‘छत्तीसगढ़िया ओलंपिक’ के आयोजन की जिम्मेदारी पंचायत एवं ग्रामीण विकास एवं नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग को सौंपी गई है। इन खेलों की शुरुआत 6 अक्टूबर 2022 से होगी, जो राज्य स्तर पर 6 जनवरी 2023 को समाप्त होगी।
दो कैटेगरी में खेले जाएंगे 14 तरह के खेल
छत्तीसगढ़ की पारंपरिक खेल प्रतियोगिता पार्टी व सिंगल कैटेगरी में होगी। छत्तीसगढ़ ओलंपिक 2022-23 में 14 प्रकार के पारंपरिक खेलों को शामिल किया गया है। इसमें गिल्ली डंडा, पिट्टूल, सांखली, लंगड़ी रन, कबड्डी, खो-खो, टोइंग और बंटी (कांचा) जैसे खेलों को शामिल किया गया है। वहीं, एकल वर्ग के खेल अनुशासन में बिलास, फुगड़ी, गेदी दौड़, भंवरा, 100 मीटर दौड़ और लंबी कूद शामिल हैं।
ग्राम क्लब से लेकर राज्य तक छह स्तरों पर होंगे आयोजन-
छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में छह स्तर निर्धारित किए गए हैं। इन स्तरों के अनुसार खेल प्रतियोगिता के चरण होंगे। इसमें गांव में प्रथम स्तर राजीव युवा मितान क्लब का होगा। दूसरा लेवल जोन है, जिसमें 8 राजीव युवा मितान क्लबों से मिलकर बना एक क्लब होगा। तत्पश्चात विकासखण्ड/नगरीय कलस्टर स्तर, जिला, संभाग एवं अन्त में राज्य स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जायेगा। छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में आयु वर्ग को तीन श्रेणियों में बांटा गया है। इसमें पहली श्रेणी 18 वर्ष की आयु तक, फिर 18-40 वर्ष की आयु सीमा तक, जबकि तीसरी श्रेणी 40 वर्ष से अधिक आयु वालों के लिए है।
छत्तीसगढ़ के ये पारंपरिक खेल न केवल ऋतुओं पर आधारित हैं, बल्कि कभी-कभी लोक संगीत और लोक गायन को भी साथ ले जाते हैं, जिसके कारण तेज गति, तेज दृष्टि, संतुलन, बढ़ती शारीरिक फिटनेस के साथ ये खेल बहुत दिलचस्प हैं। और मानसिक मनोरंजन प्रदान करते हैं। ये खेल इतने दिलचस्प होते हैं कि गांवों के बच्चे अपने सारे दुख-दर्द भूल जाते हैं और इन खेलों के अभूतपूर्व आनंद का अनुभव करते हैं। ऐसे खेल जो तेजी से लुप्त होते जा रहे हैं और बच्चों की मासूमियत को एक बार फिर लोक खेलों के माध्यम से वापस लाया जा सकता है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अभिनव पहल करते हुए ‘छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक’ शुरू किया जा रहा है, उम्मीद है कि इससे खेलों के प्रति उत्साह का माहौल बनेगा और बच्चे एक बार फिर खेल के मैदान में उतरेंगे।