क्या आप जानते है फ्लैग कोड क्या होता है ?
VVIP और नेताओं की कार, जहाज और टेबल पर लगे तिरंगे का साइज जानते हैं आप? फ्लैग कोड भी जान लीजिए
(PUBLISHED BY – KOMAL)
भारतीय राष्ट्रीय ध्वज संहिता: अगस्त का महीना आते ही क्षेत्रों में आजादी की महक घुल जाती है। आजादी का वह संघर्ष, वह आंदोलन और अंग्रेजों की गुलामी की जंजीरों को तोड़ने का वह संघर्ष हम सभी को याद है। स्वतंत्रता संग्राम और उसके बाद राष्ट्रीय ध्वज को बनाए रखने में राष्ट्रीय ध्वज का भी बड़ा योगदान है। इस तिरंगे की खातिर भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को हंसते हुए फांसी पर लटका दिया गया और इस तिरंगे की शान के लिए चंद्रशेखर आजाद ने अंग्रेजों के सामने घुटने टेकने से इनकार कर दिया. दिया था।
इस तिरंगे को फहराकर पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 15 अगस्त 1947 को देशवासियों को गुलामी के दौर से आजादी की नई सुबह दिलाई। आज तिरंगा हमारे जवानों का गौरव और सम्मान है। वह इस तिरंगे के लिए अपनी जान की बाजी लगाने से भी नहीं हिचकिचाते। इस तिरंगे को लहराकर खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले खिलाड़ी गर्व से अपना सीना चौड़ा कर लेते हैं। तिरंगा हर भारतीय का गौरव है। तिरंगा पहनना हर भारतीय चाहता है। लेकिन तिरंगा पहनने के कुछ नियम हैं, जिनका हम सभी को पालन करना चाहिए।
भारत का राष्ट्रीय ध्वज यानि तिरंगा तीन आयताकार भागों से मिलकर बना है। इन तीन रंगीन आयतों की लंबाई और चौड़ाई बिल्कुल बराबर है। राष्ट्रीय ध्वज में केसर राष्ट्रीय ध्वज के शीर्ष पर रंग है। इसमें नीचे का आयत हरे रंग (राष्ट्रीय ध्वज में हरा रंग) का होता है और दोनों के बीच सफेद रंग का आयत होता है।