22 January 2024 प्राणप्रतिष्ठा के बाद रामलला को नवरत्नों के सुमेरू पर्वत पर विराजमान कराया जाएगा। बता दे
इस सुमेरू पर्वत को काशी में कुशल कारीगारों से तैयार कराया गया है। इसके निर्माण में नवरत्नों हीरा, पन्ना, नीलम, मोती, पुखराज, मूंगा, गोमेद, रूबी और लहसुनिया के साथ ही सोना लगाया गया है।
काशी से सुमेरू पर्वत के साथ सप्तधान्य और सप्तमृतिका भी गया है। राममंदिर व रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त निकालने वाले पं. गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ व काशी विद्वत परिषद के पदाधिकारियों से इन सभी वस्तुओं को लेकर श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय इसे अयोध्या पहुंचा चुके हैं।
काशी विद्वत परिषद ने ही रामलला के विग्रह को नवरत्नों के सुमेरू पर्वत पर विराजमान कराने की सलाह दी थी।