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Dhanteras 2023 : भूल कर भी ना करे धनतेरस पर ये काम

धनतेरस का त्योहार भारत में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन लोग सोना, चांदी आदि खरीदते हैं और अपने घरों को सजाते हैं। इस दिन कुछ लोग धनतेरस के महत्व को ध्यान में रखते हुए विशेष उपवास करते हैं। धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरी की पूजा भी की जाती है जो आयुर्वेद के जनक माने जाते हैं।

धनतेरस के दिन लोग घरों को सजाते हैं और उन्हें दीपों से सजाते हैं। संध्याकाल में यम के नाम दीप जलाए जाते हैं जिससे असुरक्षित और खतरनाक स्थानों से बचा जा सके। धनतेरस के दिन लोगों के घरों में धन की वर्षा होती है जिससे उनकी समृद्धि बढ़ती है।

इस दिन को समर्पित महत्वपूर्ण विशेषताओं में से एक यह है कि धनतेरस के दिन लोग सोना, चांदी व अन्य उपहार देते हैं। यह सभी के लिए खुशी की बात होती है, और अधिकतर लोगों को इस दिन कुछ खरीदने के लिए उत्साह होता है।

क्यों मनाते है धनतेरस

धनतेरस का त्योहार हिन्दू धर्म में मनाया जाता है और इसके पीछे कई महत्वपूर्ण कारण होते हैं। यह त्योहार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है जब लोग धन और समृद्धि के लिए भगवान धनवंतरी की पूजा करते हैं। धनतेरस एक पौराणिक कथा से जुड़ा हुआ है जिसमें बताया जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु ने देवताओं के साथ समुद्र मंथन किया था जिससे रत्नों का उत्पादन हुआ था। इस उत्पादन में से एक ही रत्न धन का था, जिसकी उपलब्धि से धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है।

धनतेरस पर क्या ख़रीदे

धनतेरस को सोने व चांदी खरीदने और व्यवसायों की समृद्धि को संबोधित करने का भी महत्व होता है। इस दिन लोग सोने व चांदी के वस्तुओं को खरीदते हैं जिससे उन्हें धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, लोग घरों को सजाते हैं और अपनी दुकानों की पूजा भी करते हैं।

धनतेरस को दीपावली के उत्सव से पहले मनाया जाता है।

धनतेरस की क्या है कहानी

धनतेरस की कहानी हिंदू पौराणिक कथाओं से जुड़ी हुई है। एक पौराणिक कथा के अनुसार, धनतेरस के दिन भगवान विष्णु ने समुद्र मंथन करते समय रत्नों का उत्पादन किया था। समुद्र मंथन करने के बाद भगवान विष्णु ने देवताओं के साथ-साथ दंतों वाले दो भूत भी उत्पन्न किए थे।

एक भूत बुरा था जो लोगों का नुकसान करता था और दूसरा भूत अच्छा था जो लोगों की मदद करता था। दोनों भूतों के बीच एक युद्ध हुआ जिसमें बुरे भूत को हराकर अच्छे भूत ने मानव जाति के लिए धनवंतरी रूप में प्रकट होकर अमृत को संजीवनी मधु के साथ साझा करने का वचन दिया। इस दिन से धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है जिसमें भगवान धनवंतरी की पूजा की जाती है और धन और समृद्धि की प्राप्ति की अपेक्षा की जाती है।

धनतेरस का क्या है महत्तव

धनतेरस का महत्त्व बहुत अधिक है। यह त्योहार भारत के वैदिक संस्कृति में बहुत महत्वपूर्ण है। इस दिन धनवंतरी भगवान की पूजा की जाती है जिन्हें आयुर्वेद के जनक माना जाता है। इस दिन भी सोने, चांदी व वाहन आदि की खरीदारी के लिए शुभ माना जाता है।

इस त्योहार को मनाने से लोग धनवान बनने की कामना करते हैं। धनतेरस के दिन लोग धनवंतरी भगवान की आराधना करते हैं ताकि उनसे उनकी रक्षा की अपेक्षा की जा सके और उनसे आरोग्य, धन, समृद्धि, खुशहाली और सफलता की प्राप्ति के लिए आशीर्वाद मिल सके।

इस त्योहार का महत्त्व दीपावली के आगामी त्योहारों के लिए भी बहुत अधिक होता है। इस दिन से दीपावली के 5 दिन का उत्सव शुरू होता है जो लोग बड़ी धूमधाम से मनाते हैं।

धनतेरस के दिन कैसे करे पूजा

धनतेरस के दिन धनवंतरी भगवान की पूजा विशेष महत्वपूर्ण होती है। धनतेरस के दिन अपने घर में धनवंतरी भगवान की पूजा के लिए निम्नलिखित विधि का अनुसरण किया जाता है:

  1. सबसे पहले, घर को साफ-सुथरा कर दें और उसे सजाएं।
  2. पूजा के लिए आसन स्थापित करें। आसन का रंग लाल होना चाहिए।
  3. आसन पर धनवंतरी भगवान की मूर्ति रखें। अगर मूर्ति नहीं है तो फोटो भी रख सकते हैं।
  4. धनवंतरी भगवान के सामने दीपक जलाएं और फूलों से उनकी पूजा करें।
  5. धनवंतरी भगवान की पूजा के बाद, लक्ष्मी माता की भी पूजा की जाती है। आसन पर उनकी मूर्ति रखें और फूलों से उनकी पूजा करें।
  6. अखंड दिये जलाएं और धनतेरस की कहानी और महत्त्व समझाएं।
  7. धनवंतरी मंत्र का जप करें और उनसे आरोग्य, धन, समृद्धि, खुशहाली और सफलता की प्राप्ति के लिए आशीर्वाद मांगें।
  8. आखिर में, पूजा समाप्ति के बाद प्रसाद बाँटें।

धनतेरस के दिन क्या ना करे

धनतेरस के दिन निम्नलिखित चीजें न करनी चाहिए:

  1. किसी भी तरह की नकारात्मक बातों या विवादों से बचें।
  2. इस दिन किसी भी तरह की चोरी, लूट, ठगी आदि करने से बचें।
  3. धनतेरस के दिन श्राद्ध नहीं किया जाना चाहिए।
  4. इस दिन कोई विवाह या गृह प्रवेश नहीं करना चाहिए।
  5. इस दिन किसी भी विदेशी या पुराने वस्तुओं की खरीदारी नहीं करनी चाहिए।
  6. धनतेरस के दिन सड़क दुर्गंधा से दूर रहने की सलाह दी जाती है।
  7. इस दिन बिना स्नान और धूप-दीप जलाये पूजा नहीं की जानी चाहिए।
  8. धनतेरस के दिन मांसाहारी भोजन नहीं करना चाहिए।

यदि आप धनतेरस के दिन इन बातों का ध्यान रखते हुए शुभ कार्य करते हैं तो आपके जीवन में समृद्धि और खुशहाली आ सकती है।

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