भारत में होगी पेट्रोल डीजल की समस्या..
Published By-Komal Sen
तेल निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) ने अपनी मासिक रिपोर्ट में कहा कि 2021 में भारत में पेट्रोलियम उत्पादों की दैनिक मांग 4.77 मिलियन बैरल थी। 2022 में इसके बढ़कर 5.14 मिलियन बैरल प्रति दिन होने की उम्मीद है।
दुनिया के देशों में पेट्रोलियम उत्पादों की मांग लगातार बढ़ रही है। जिससे माना जा रहा है कि बहुत जल्द भारत में पेट्रोल और डीजल जैसे पेट्रोलियम उत्पादों की मांग 2022 में 7.73 प्रतिशत तक बढ़ सकती है। यह दुनिया के किसी भी देश के लिए सबसे तेजी से बढ़ने वाला आंकड़ा होगा। तेल निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) ने अपनी मासिक रिपोर्ट में कहा कि 2021 में भारत में पेट्रोलियम उत्पादों की दैनिक मांग 4.77 मिलियन बैरल थी। 2022 में इसके बढ़कर 5.14 मिलियन बैरल प्रति दिन होने की उम्मीद है।
चीन-अमेरिका भी मांग में पीछे रहेंगे
भारत में पेट्रोल-डीजल संकट: चीन में 1.23 फीसदी, अमेरिका में 3.39 फीसदी और यूरोप में 4.62 फीसदी की तुलना में भारत में तेल की मांग में वृद्धि दुनिया में सबसे तेज होगी. गौरतलब है कि भारत अमेरिका और चीन के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक और उपभोक्ता देश है।
ओपेक की रिपोर्ट में कहा गया है कि मानसून की शुरुआत के कारण चालू वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में तेल की मांग घटेगी, लेकिन त्योहारों और छुट्टियों के साथ अगली तिमाही में इसमें तेजी आएगी। भारत में औद्योगिक गतिविधियां भी पूर्व-कोविड स्तरों पर लौट आई हैं और इसके कारण देश में ईंधन की मांग और भी तेजी से बढ़ रही है, जिससे यहां अधिक तेल की आपूर्ति करने की आवश्यकता होगी।
रूस अब सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है
भारत में पेट्रोल-डीजल संकट: आंकड़ों के मुताबिक भारत को कच्चे तेल के आयात के मामले में रूस जून में सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता बन गया है। जून में भारत के कुल तेल आयात में रूस की हिस्सेदारी 24 फीसदी थी। वहीं, इराक का हिस्सा 21 फीसदी और सऊदी अरब 15 फीसदी हिस्सेदारी के साथ तीसरे स्थान पर रहा।