जाने कब से शुरू हुयी हरियाली तीज?
Hariyali Teej 2022: जानें कैसे शुरु हुई हरियाली तीज
( PUBLISHED BY – SEEMA UPADHYAY )
हरियाली तीज पर अविवाहित कन्याओं को शिव की पूजा करने से मनचाहा वर मिल सकता है। वहीं विवाहित महिलाएं गौरी-शंकर की पूजा कर पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। यह वह दिन है जब शिव ने पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें अपनी पत्नी बनाने का वरदान दिया था। और तभी से अविवाहित लड़कियां हरियाली तीज के दिन व्रत रखती हैं और अपनी पसंद के वर की कामना करती हैं।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पार्वती को न जाने कितनी बार कठोर तपस्या करनी पड़ी थी। खुद को साबित करना था। महादेव को प्रसन्न होना पड़ा। पार्वती ने दो बार शिव की कामना की और उन्हें शिव ही मिले, पहले सती के रूप में और फिर उमा के रूप में। सती के रूप में, पार्वती ने ब्रह्मा के पुत्र दक्ष प्रजापति से जन्म लिया और शिव से विवाह किया, लेकिन दक्ष कभी भी महादेव को अपने दामाद के रूप में स्वीकार नहीं कर सके। पिता की यह जिद आखिरकार सती की मृत्यु के साथ समाप्त हो गई। मृत्यु के समय सती ने भगवान से वरदान मांगा कि हर जन्म में मुझे शिव के चरणों में स्नेह रखना चाहिए। इसलिए उन्होंने हिमालय की पुत्री पार्वती के रूप में पुनर्जन्म लिया।
शिव को पाने के लिए क्या थी पार्वती की तपस्या?
हालांकि, इस बार पार्वती के लिए सती के अलगाव में दुनिया को भूल चुके शिव को पति के रूप में पाना और भी मुश्किल साबित हुआ। पार्वती ने शंकर को पाने के लिए घोर तपस्या की। कहा जाता है कि उन्होंने 13 साल तक केवल बेल के पत्ते खाकर भोले शंकर की पूजा की थी।
हरियाली तीज की ऐसे हुई शुरुआत
पार्वती की श्रद्धा को देखकर भोले भंडारी प्रसन्न हुए और उन्होंने हरियाली तीज के दिन पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया और फिर विवाह धूमधाम से हुआ। इस तरह तीज के दिन माता पार्वती की मनोकामना पूरी हुई और उन्हें भगवान शिव पति के रूप में प्राप्त हुए। तब माता पार्वती ने प्रसन्न होकर कहा कि इस दिन जो स्त्री व्रत और पूजा-अर्चना करेगी, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी। उनका वैवाहिक जीवन सुखमय रहेगा।