नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिवसीय सफल यूएस यात्रा के बाद नई दिल्ली के लिए रवाना हो गए, जिसमें क्वाड लीडर्स समिट और यूएन समिट ऑफ द फ्यूचर के मौके पर कई देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता की एक श्रृंखला देखी गई।
तीन दिवसीय यूएस यात्रा के अंतिम चरण में सोमवार को पीएम मोदी ने न्यूयॉर्क में यूएन: समिट ऑफ द फ्यूचर के मौके पर अपने अर्मेनियाई समकक्ष निकोल पशिन्यान और वेटिकन सिटी के कार्डिनल सचिव पिएत्रो पारोलिन के साथ बातचीत की।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, आज संयुक्त राष्ट्र में समिट ऑफ द फ्यूचर के मौके पर आर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोल पशिन्यान से मिलना अद्भुत रहा। एक दूसरे पोस्ट में उन्होंने लिखा, न्यूयॉर्क में होली सी के राज्य सचिव कार्डिनल पिएत्रो पारोलिन के साथ बहुत अच्छी बातचीत हुई।
प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी की। प्रधानमंत्री ने जेलेंस्की के साथ अपनी बैठक के दौरान यूक्रेन में संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए भारत के स्पष्ट, सुसंगत और रचनात्मक” दृष्टिकोण को दोहराया, जो कूटनीति, संवाद और सभी हितधारकों के बीच सहभागिता पर आधारित है।
बैठक के बाद पीएम मोदी ने एक्स पोस्ट में कहा कि न्यूयॉर्क में राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात हुई। हम पिछले महीने यूक्रेन की अपनी यात्रा के परिणामों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं ताकि द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत किया जा सके। उन्होंने यूक्रेन में संघर्ष के शीघ्र समाधान और शांति और स्थिरता की बहाली के लिए भारत का समर्थन दोहराया।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच यह बीते तीन महीने में तीसरी बैठक थी। इस दौरान दोनों नेताओं ने आपस में संपर्क बरकरार रखने पर सहमति जताई। प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को वियतनाम के राष्ट्रपति टू लैम से भी मुलाकात की और कहा कि इस मुलाकात से दोनों देशों के संबंध बेहतर होंगे।
अपनी मुलाकात के बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर लिखा, हमने भारत-वियतनाम मित्रता की पूरी श्रृंखला का जायजा लिया। हम कनेक्टिविटी, व्यापार, संस्कृति और अन्य क्षेत्रों में मोमेंटम बनाए रखने को तत्पर हैं। दोनों देश बहुआयामी रणनीतिक साझेदारी के साथ कई क्षेत्रों में अपने संबंधों को गहरा कर रहे हैं।
इन बैठकों से पहले प्रधानमंत्री ने समिट ऑफ द फ्यूचर को संबोधित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने विश्व समुदाय को आश्वस्त किया कि भारत समस्त मानवता के अधिकारों की रक्षा और वैश्विक समृद्धि के लिए विचार, वचन और कर्म से काम करना जारी रखेगा।