नई दिल्ली । ब्रिक्स राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) शिखर सम्मेलन अक्टूबर में कज़ान में रूस की अध्यक्षता में आयोजित किया जाएगा। इससे पहले, अजीत के. डोभाल अगले सप्ताह रूस का दौरा करेंगे। कहा जा रहा है कि इस दौरान रूस यूक्रेन युद्ध को लेकर चर्चा होगी।
सूत्रों के अनुसार, इस यात्रा के दौरान वह अपने चीनी समकक्ष के साथ बैठक भी कर सकते हैं। डोभाल के अपने रूसी समकक्ष और अन्य ब्रिक्स सदस्य देशों के प्रतिनिधियों संग अलग-अलग बैठक की भी संभावना है। इससे पहले उन्होंने 2023 में जोहान्सबर्ग में 13वीं ब्रिक्स एनएसए बैठक में भाग लिया था।
पिछले वर्ष पांच नए सदस्य सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, ईरान, मिस्र और इथियोपिया को समूह में शामिल किया गया था। इसके बाद यह पहली ब्रिक्स एनएसए बैठक होगी।
राष्ट्रपति पुतिन के साथ प्रधानमंत्री की फोन पर बातचीत के दौरान यह चर्चा हुई कि प्रधानमंत्री अपनी यूक्रेन यात्रा के बाद शांति से जुड़े विचारों पर चर्चा करने के लिए अपने एनएसए को रूस भेजेंगे। इसी के मद्देनजर एनएसए अजीत डोभाल रूस की यात्रा करेंगे।
ब्रिक्स राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक, ब्रिक्स राजनीतिक और सुरक्षा सहयोग में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इस बैठक के तहत, राष्ट्रीय सुरक्षा पर उच्च प्रतिनिधि आतंकवाद, साइबर सुरक्षा, शांति और स्थिरता, अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध के साथ-साथ ब्रिक्स देशों की राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा करते हैं।
ब्रिक्स देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) सुरक्षा मुद्दों पर संवाद बढ़ाने और सूचनाओं का आदान-प्रदान करने के लिए 2009 से बैठक कर रहे हैं।
ब्रिक्स देशों ने तेजी से आतंकवाद विरोधी रणनीति विकसित की है। इस रणनीति का उद्देश्य आतंकवाद विरोधी सहयोग के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को मजबूत करना और हिंसक आतंकवाद के खतरे को रोकने और उससे निपटने के वैश्विक प्रयासों में सार्थक योगदान देना है।
बता दें कि 2020 में वैश्विक स्थिरता, साझा सुरक्षा और अभिनव विकास के लिए ब्रिक्स साझेदारी जैसे विषयों पर मंथन के लिए ब्रिक्स एनएसए की 10वीं बैठक आयोजित की गई थी। बैठक के दौरान, प्रतिभागियों ने वैश्विक, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय सुरक्षा तथा आईसीटी के उपयोग में सुरक्षा से संबंधित प्रमुख मुद्दों पर विचारों का गहन आदान-प्रदान किया।
एनएसए ने आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद, अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध और अवैध मादक पदार्थों की तस्करी से निपटने के लिए ब्रिक्स के भीतर व्यावहारिक सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों पर भी चर्चा की।