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सिद्ध चक्र महामंडल विधान सिद्ध बनने का अभूतपूर्व अवसर : ब्रम्हचारी विजय

रायपुर । आदिनाथ दिगंबर जैन बड़ा मंदिर पंचायत ट्रस्ट मालवीय रोड में चल रहे 8 दिवसीय सिद्ध चक्र महामंडल विधान विश्वशांति महायज्ञ के दूसरे दिन 18 मार्च को प्रतिदिन की तरह सर्वप्रथम सुबह 7 बजे जिनालय में विराजमान श्रीजी का स्वर्ण कलशों से अभिषेक किया गया। साथ ही चमत्कारिक रिद्धि सिद्धि सुख शांति प्रदाता वृहद शांतिधारा की गई। आज की शांति धारा करने का सौभाग्य महेंद्र कुमार सनत कुमार मनीष कुमार चूड़ी वाले परिवार एवं विवेक जैन कैलाशपुरी परिवार को प्राप्त हुआ। शांतिधारा पश्चात श्रीजी आरती की गई तत्पश्चात सिद्ध चक्र महामंडल विधान के अर्घ्य चढ़ाए गए। उक्ताशय की जानकारी बड़े मंदिर का जिनालय ट्रस्ट कमेटी के ट्रस्टी सनत कुमार जैन एवं कमेटी के उपाध्यक्ष श्रेयश जैन बालू ने दी।

आज के विधान में गुणायतन से पहुंचे ब्रम्हचारी विजय भईया ने अपने वक्तव्य में बताया की सिद्ध चक्र महामंडल विधान सिद्ध बनने का एक अभूतपूर्व अवसर होता है यह विधान फाल्गुन, कार्तिक और आषाढ़ के अंतिम आठ दिन अष्टमी से पूर्णिमा तक यह पर्व आता है। इन आठ दिनों में सिद्धों की यह विशेष आराधना के लिए सिद्धचक्र विधान किया जाता है। जिस प्रकार मैना सुंदरी जिन्होंने सिद्धों की आराधना कर अपने पति श्रीपाल के असाध्य रोग का निवारण किया था, सिद्ध चक्र महामंडल विधान जो की न की सिर्फ शारीरिक रूप अपितु अनंतकाल से लगे हुए जन्म जरा मृत्यु जैसे रोग का निवारण सिद्धों की भक्ति से संभव है। हम सब मिल कर के इस भक्तिमय आराधना में अपने श्रद्धा रूपी अर्घ्य समर्पित करे। जहां एक ओर प्रतिदिन दोगुने अर्घ्यो के माध्यम से सिद्धों की आराधना की जा रही है, वहीं दूसरी ओर हम अपने अंदर निर्मल परिणामों को वृद्धगत करते हैं। आज के इस सिद्ध चक्र महामंडल विधान विश्वशांति महायज्ञ में सकल जैन समाज के श्रावक गण धर्म प्रेमी बंधु एवं ट्रस्ट कमेटी व कार्यकारिणी के सभी सदस्य उपस्थित थे।

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