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Maharshi Valmiki Ramayan : कौशल जनपद की राजधानी

महर्षि वाल्मिकी जी ने रामायण के बालकांड के पांचवें सर्ग में अयोध्या का विस्तार से वर्णन किया है। रामायण के अनुसार अयोध्या को मनु ने बसाया था। यह पहले कौशल जनपद की राजधानी थी।

वाल्मिकी जी ने अयोध्यापुरी के वैभव और भव्यता का चित्रण करते हुए बताया है कि सरयू नदी के तट पर संतुष्ट जनों से पूर्ण धनधान्य से भरा-पूरा कोसल नामक एक बड़ा देश था। साथ ही रामायण में यह भी उल्लेख मिलता है, कि अयोध्या 12 योजन-लम्बी और 3 योजन चौड़ी थी। इसकी सड़कों पर रोजाना जल छिड़का जाता था और फूल बिछाए जाते थे।

इस पुरी में बड़े-बड़े तोरण द्वार, बाजार, नगरी की रक्षा के लिए सभी प्रकार के शस्त्र और यंत्र मौजूद थे। नगरी दुर्गम किले और खाई थी, जिस कारण कोई भी शत्रुजन इन्हे छू भी नहीं सकता था। नगरी में जगह-जगह उद्यान निर्मित हैं। साथ ही वाल्मिकी जी यह भी वर्णन करते हैं कि अयोध्या नगरी के कुओं का जल में जल इस प्रकार भरा हुआ था जैसे गन्ने का रस भरा हो। पूरी नगरी में कोई भी धनहीन नहीं था। सभी नगरवासियों के पास धन-धान्य, पशुधन आदि की कोई कमी नहीं थी। महर्षि वाल्मिकी के अनुसार, अयोध्या एक समृद्ध नगरी

Vanshika Pandey

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