कैलाश पर्वत, जिसे हिंदी में “कैलाश पर्वत” कहा जाता है, एक प्रमुख पर्वत श्रृंग है जो आकाशगंगा पहाड़ियों का हिस्सा है। यह पर्वत आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व के साथ जाना जाता है, खासकर हिन्दू और बौद्ध धर्म के अनुयायों के लिए।
कैलाश पर्वत तिब्बत के गर स्थल से बुर्देन जिले में स्थित है और यह पर्वत श्रृंग कैलाश मानसरोवर झील के किनारे पाया जाता है। इसे कैलाश पर्वत इसलिए जाना जाता है क्योंकि इसकी चोटी को पार्वतीपर्वत की तरह काईलास (कैलाश) पर्वत की ओर से देखा जाता है, जिसे हिन्दू धर्म में भगवान शिव के निवास स्थल के रूप में माना जाता है।
कैलाश पर्वत के चारों ओर कई धार्मिक और आध्यात्मिक स्थल हैं, और यह एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है, जिसे अनेक लोग धार्मिक यात्रा के लिए जाते हैं। यह भी विश्व धार्मिक समृद्धि का प्रतीक है और विभिन्न धर्मों के अनुयायों के लिए महत्वपूर्ण है।
नरेंद्र मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं, जो की उत्तराखंड से लगी भारत-चीन सीमा पर आदि कैलाश पर्वत के दर्शन करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी जिस जगह से कैलाश पर्वत के दर्शन करेंगे, उसका नाम जोलिंगकोंग है।
समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 15000 फीट है। यहां से 20 किलोमीटर की दूरी के बाद चीन की सीमा शुरू हो जाती है। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पिथौरागढ़ में एक जनसभा करेंगे।