Sawan Somvaar : अपमान :
सावन माह में किसी का अपमान न करें। खासकर देवता, माता-पिता, गुरु, जीवनसाथी, मित्र और मेहमान। इस माह किसी भी जीव को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए।
Sawan Somvaar : स्नान :
सावन माह में प्रतिदिन स्नान करना चाहिए। स्नान नहीं करने से शरीर जल्द ही रोगग्रस्त हो सकता है।
Sawan Somvaar : अतिथि :
सावन माह में यदि आपके द्वारा पर कोई भी आए, जैसे गाय, बैल, भिक्षु आदि वह सभी अतिथि होते हैं उन्हें भगाना नहीं चाहिए।
Sawan Somvaar : शयन :
सावन के माह में गद्देदार बिस्तर पर नहीं होना चाहिए। हो सके तो भूमि पर शयन करना चाहिए। सावन माह में सुबह देर से उठना और रात देर तक सोना भी नुकसानदायक माना गया है। दिन में शयन न करें।
Sawan Somvaar : भोजन :
श्रावण में पत्तेदार सब्जियां यथा पालक, साग इत्यादि। तेल या मासालेदार भोजन, लहसुन और प्याज, मच्छी और मांसाहर, मूली, बैंगन, गुड़, मीठी, ज्यादा खट्टी और नमकीन पदार्थ, कच्चा दूध, कढ़ी, शहद और शक्कर का त्याग कर देना चाहिए। इस माह यह रोग पैदा करने वाली वस्तुएं होती हैं। भोजन कांसे के बर्तन में नहीं करना चाहिए।
Sawan Somvaar : नशा :
सावन के माह में किसी भी प्रकार का नशा नहीं करते हैं। जैसे, पान, सुपारी, तंबाकू, अल्कोहल या अन्य किसी प्रकार का नशा करना।