Mahashivratri 2k23: 10 सबसे चमत्कारी शिवलिंग, दर्शन मात्र होता है भाग्योदय…
Mahashivratri 2023 : जानिए कहां-कहां विराजमान हैं भारत के चमत्कारी शिवलिंग, जरूर करें दर्शन
( PUBLISHED BY – SEEMA UPADHYAY )
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Mahashivratri 2k23 : चतुर्दश, सोमवार, शिवरात्रि और महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। इसके साथ ही पूरे श्रावण मास में इनकी विशेष रूप से पूजा की जाती है। भारत में ऐसे कई चमत्कारी शिवलिंग विराजमान हैं। जिसका चमत्कार आज तक वैज्ञानिक भी पता नहीं लगा पाए हैं।
तो आइए आज इस लेख में हम आपको ऐसे ही 10 चमत्कारी शिवलिंगों के बारे में बताएंगे, जिनके दर्शन करने से आपके जीवन के सारे पाप, दुख नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
1.इस शिवलिंग में अपने आप जलाभिषेक होता है
झारखंड के रामगढ़ में एक शिव मंदिर है जिसे तूती झरना के नाम से जाना जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि यहां शिवलिंग पर जल अभिषेक 24 घंटे अपने आप हो जाता है। यहां मां गंगा की साक्षात प्रतिमा मौजूद है, जिसकी नाभि से जल की धारा स्वत: ही शिवलिंग पर गिरती है। इस मंदिर की जानकारी पुराणों में मिलती है।
2.बिजली महादेव
शिव मंदिर हिमाचल के कुल्लू में स्थित है। जहां 12 साल बाद शिवलिंग पर बिजली गिरती है और बिजली गिरने से शिवलिंग टूट जाता है। किन्तु याजक उसे वापस मक्खन में मिला देते हैं। जो स्वत: ही एक ठोस शिवलिंग बन जाता है। इसलिए इस शिवलिंग को बिजली के नाम से जाना जाता है।
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3. एक ऐसा शिवलिंग जो बदलता है रंग
राजस्थान के धौलपुर में स्थित शिवलिंग का कमाल यह है कि यह हर दिन रंग बदलता है। शिवलिंग का रंग सुबह लाल, दोपहर में केसरिया और शाम को काला होता है। यह शिवलिंग हजारों साल पुराना माना जाता है।
4.भोजेश्वर महादेव मंदिर
यह शिवलिंग मध्य प्रदेश में स्थित है। यह शिवलिंग बहुत ही अद्भुत और विशाल है। इस शिवलिंग को दुनिया का सबसे पुराना शिवलिंग माना जाता है।
5.लक्षलिंग महादेव मंदिर
इस शिवलिंग के बारे में कहा जाता है कि इसमें एक लाख छेद हैं। एक छेद पाताल की ओर जाता है और एक छेद हमेशा पानी से भरा रहता है। जो भी इस शिवलिंग पर जल चढ़ाता है वह जल सीधे पाताल में चला जाता है। इस शिवलिंग पर जितना जल चढ़ाया जाता है वह उतना ही कम गिरता है।
6.मृतेश्वर शिवलिंग
यह शिवलिंग गुजरात में स्थित है। माना जाता है कि जिस दिन यह शिवलिंग 8.5 फीट के आकार तक पहुंचकर मंदिर की छत से टकरा जाता है उस दिन प्रलय नहीं आती। कहा जाता है कि शिवलिंग का आकार एक वर्ष में चावल के दाने के बराबर हो जाता है और स्वतः ही उसमें से जल की धारा बहने लगती है।
7.मातंगेश्वर शिवलिंग
यह शिवलिंग हर साल एक तिल के बराबर होता है। कहा जाता है कि इस शिवलिंग की पूजा भगवान राम ने की थी। इस शिवलिंग की ऐसी मान्यता है कि यह एक ओर से पाताल और एक ओर से स्वर्गलोक की ओर गति करता है। जब वह पाताल लोक पहुंचेगा तो उस दिन कलियुग का अंत निश्चित है।
8.स्तंभेश्वर मंदिर
यह मंदिर गुजरात में स्थित है। यह मंदिर सुबह और शाम लगभग दो बार पलक झपकते ही गायब हो जाता है।
9. निष्कलंक महादेव मंदिर
यह मंदिर गुजरात में स्थित है। प्रतिदिन समुद्र की लहरें यहां शिवलिंग पर जलाभिषेक करने आती हैं। हाई टाइड के समय समुद्र में सिर्फ मंदिर का झंडा देखा जा सकता है।
10.तिलभांडेश्वर मंदिर
इस मंदिर में शिवलिंग भी एक साल में एक तिल जितना बढ़ जाएगा। यह छत्तीसगढ़ शहर के रायपुर जिले में स्थित है।
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