news / politics

अगले साल होने वाले चुनावों मे दिखेंगे बड़े सुधार!!!!

अगले साल होने वाले चुनावों मे दिखेंगे बड़े सुधार, निर्वाचन आयोग ने इस मामले पर तेजी से आगे बढ़ने के दिए संकेत

( PUBLISHED BY – SEEMA UPADHYAY )

चुनाव आयोग इस बात से राहत महसूस कर रहा है कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न हुए हैं। उनके लिए खुशी की बात यह है कि दोनों राज्यों के करीब 60 हजार मतदान केंद्रों पर हुए इस चुनाव में किसी भी बूथ पर चुनाव रद्द होने या दोबारा चुनाव होने की कोई संभावना नहीं रही है. इसके साथ ही लगभग हर पिछले चुनाव में उठने वाला ईवीएम का मुद्दा भी नदारद रहा. इसके बावजूद आयोग उन सुधारों को जल्द लागू करना चाहता है, जो चुनाव प्रक्रिया को और भी पारदर्शी बनाने के लिए जरूरी हैं. आयोग ने इस संबंध में आगे बढ़ने के संकेत दिए हैं।

नौ राज्यों में देखने को मिल सकता है सुधार

माना जा रहा है कि इन सुधारों की झलक त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड समेत नौ राज्यों में अगले साल होने वाले चुनाव में देखने को मिल सकती है। अगले वर्ष में त्रिपुरा, मेघालय, नागालैंड, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, मिजोरम और तेलंगाना शामिल हैं। इनमें से त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड में विधानसभा चुनाव फरवरी में होने हैं, क्योंकि इन राज्यों में विधानसभाओं का कार्यकाल 13 मार्च या उससे पहले खत्म हो रहा है। ऐसे में आयोग के पास चुनाव में तेजी लाने के लिए जनवरी तक का ही समय है।

बड़े सुधारों की ओर तेजी से आगे बढ़ सकता है आयोग

सूत्रों की मानें तो चुनाव से जुड़े जिन बड़े सुधारों पर आयोग तेजी से आगे बढ़ सकता है उनमें से एक मतदाता सूची में त्रुटियों को सुधारना है। फिलहाल मतदाता सूची में दो जगह से एक व्यक्ति का नाम मतदाता सूची में आने की बड़ी शिकायत है. इसको लेकर आयोग को अक्सर कटघरे में खड़ा किया जाता है। फिलहाल आयोग ने इसे लेकर एक सॉफ्टवेयर तैयार किया है, जिसकी मदद से डुप्लीकेट नामों की तलाश जारी है. इसी तरह स्वेच्छा से अपने वोटर कार्ड को आधार से जोड़ने का अभियान काफी हद तक सफल होता दिख रहा है।

मुफ्त वादों के मुद्दे पर आयोग ले सकता है फैसला

सूत्रों के मुताबिक अब तक 56 करोड़ से ज्यादा वोटर अपने वोटर कार्ड को आधार से लिंक करा चुके हैं. आयोग से जुड़े उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार मुफ्त के वादों का मुद्दा भी उन अन्य मुद्दों में शामिल है जिन पर आयोग चुनाव सुधारों से जुड़े कुछ अहम फैसले ले सकता है. आयोग ने इसको लेकर राजनीतिक दलों की भी राय ली है। आयोग का जोर इस व्यवस्था को और अधिक पारदर्शी बनाने पर है, ताकि लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं और चुनावों में जनता का विश्वास मजबूत हो सके.

चुनाव सुधारों पर लंबे समय से काम कर रहा है आयोग

इसके अलावा चुनाव संबंधी प्रचार, फर्जी शिकायतें, बिना तथ्यों के आयोग पर आरोप लगाना, एक सीट से एक व्यक्ति का चुनाव लड़ना आदि शामिल हैं। सूत्रों की माने तो आयोग इन सभी चुनावी सुधारों पर लंबे समय से काम कर रहा है. ऐसे में उनके लिए इस पर फैसला लेना मुश्किल नहीं होगा।

Vanshika Pandey

Show More

Related Articles

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker