विदेशी कलाकारों ने दी रायपुर में दस्तक
राष्ट्रीय जनजातीय नृत्य महोत्सव में भाग लेने के लिए सर्बिया, इंडोनेशिया और मालदीव के नर्तक राजधानी रायपुर पहुंचे
PUBLISHED BY : VANSHIKA PANDEY
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में 01 से 03 नवंबर तक आयोजित होने वाले राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव और राज्योत्सव की तैयारियां अंतिम चरण में हैं. साइंस कॉलेज मैदान में मुख्य मंच, मंडप, स्टाल, विभिन्न विभागों के प्रवेश द्वार का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के लिए देश-विदेश के मेहमान भी राजधानी रायपुर पहुंच चुके हैं और यह सिलसिला लगातार जारी है. राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज ग्राउंड में 1 से 3 नवंबर तक राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव और राज्योत्सव का भव्य आयोजन किया जाना है. उद्घाटन कार्यक्रम एक नवंबर को सुबह 11 बजे होगा। उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मुख्य अतिथि होंगे और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे.
उसी दिन शाम सात बजे से राजकीय अलंकरण समारोह का आयोजन होगा, कार्यक्रम की मुख्य अतिथि राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके होंगी और मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल अध्यक्षता करेंगे. उद्घाटन कार्यक्रम के अगले दिन 2 नवंबर को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे और संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत इसकी अध्यक्षता करेंगे. राज्योत्सव का समापन 3 नवंबर को शाम 7 बजे होगा, जिसमें झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मुख्य अतिथि होंगे और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे. राष्ट्रीय जनजातीय नृत्य महोत्सव में, भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों, मोजाम्बिक सहित नौ देश, मंगोलिया, टोंगो, रूस, इंडोनेशिया, मालदीव, सर्बिया, न्यूजीलैंड और मिस्र के 1500 आदिवासी कलाकार भाग लेंगे। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार विदेशों से आदिवासी कलाकारों की टीम रायपुर पहुंच रही है.
साइंस कॉलेज मैदान में राज्योत्सव के दौरान राज्य सरकार के विभागों के 21 स्टाल, शिल्पग्राम में 40 स्टाल, फूड जोन में 24 स्टॉल, थीम हैंगर में विभिन्न उद्योगों और पीएसयू के स्टाल, साइंस कॉलेज में विकास प्रदर्शनी में 40 व्यावसायिक स्टाल लगाए गए हैं.
इस आयोजन में आने वाले सैलानियों के लिए कई आकर्षण होंगे। छत्तीसगढ़ देश और विदेश की विभिन्न जनजातियों की संस्कृति, परंपरा और लोक कला की विविधता को देखेगा। छत्तीसगढ़ शासन के विभिन्न विभागों की कल्याणकारी योजनाओं पर आधारित विकास प्रदर्शनी के माध्यम से पिछले साढ़े चार वर्षों में छत्तीसगढ़ की विकास गाथा की झांकी दिखाई जाएगी। उनके आकर्षण का केंद्र शिल्पग्राम और फूड जोन भी रहेगा।