Vijay Diwas 2023: 1971 के युद्ध में मनवाया बहादुरी का लोहा…
Vijay Diwas 2023 : उत्तराखंडी रणबांकुरों ने 1971 के युद्ध में मनवाया बहादुरी का लोहा, 255 ने दिया था बलिदान
Vijay Diwas 2023 : उत्तराखंड के रणबांकुरों की वीरता की गाथा आज भी प्रदेश की भावी पीढ़ी को जोश से भर देती है। उत्तराखंड को यूं ही वीर भूमि नहीं कहा गया।
1971 के भारत-पाक युद्ध में प्रदेश के वीरों ने अपनी वीरता का लोहा मनवाया था। भारतीय सेना की विजय गाथा में उत्तराखंड के वीर सपूतों के बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा। इन रणबांकुरों के अदम्य साहस को पूरी दुनिया युद्ध में स्वीकार कर चुकी थी।
उत्तराखंड के 255 सैनिकों ने दिया था बलिदान
1971 के भारत-पाक युद्ध में उत्तराखंड के 255 जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी और 78 सैनिक घायल हुए थे। प्रदेश के 74 वीरों को वीरता पदक मिले थे।
तत्कालीन सेना प्रमुख सैम मानेकशा (बाद में फील्ड मार्शल) और बांग्लादेश में पूर्वी कमान का नेतृत्व करने वाले सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा ने भी उत्तराखंड के सैनिकों के साहस को सलाम किया।
राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने विजय दिवस की दी बधाई
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनी) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विजय दिवस के अवसर पर राज्य के सभी लोगों, वीर जवानों, पूर्व सैनिकों और शहीदों के परिजनों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं.
राज्यपाल गुरमीत सिंह ने अपने संदेश में कहा कि 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर जीत के उपलक्ष्य में हर साल 16 दिसंबर को यह दिवस मनाया जाता है।
यह दिन प्रत्येक नागरिक को भारतीय सेना के प्रति गर्व का अनुभव कराता है। हमें सेना के वीर, साहसी, पराक्रमी और समर्पित जवानों पर गर्व है। देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए समर्पित सेना और उसका एक-एक जवान देश का गौरव है।
हमारे सैन्य इतिहास की यह सबसे बड़ी विजय थी : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि विजय दिवस पर भारतीय सैनिकों के साहस और वीरता के आगे पाकिस्तानी सेना के हजारों सैनिकों को झुककर आत्मसमर्पण करना पड़ा।
यह हमारे सैन्य इतिहास की सबसे बड़ी जीत थी। उत्तराखंड देवभूमि के साथ वीरभूमि भी है। उनमें हमेशा देशभक्ति और राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना रही है। देश की सीमाओं की रक्षा के लिए वीर जवानों द्वारा दिए गए सर्वोच्च बलिदान को हमेशा याद किया जाएगा।