Jaya Kishori जी के अनमोल वचन !!
तब सुनने वाले श्रोता झुमने को मजबूर हो जाते हैं। छोटी सी उम्र में ही हजारों लोगों को ईश्वर की भक्ति और प्रेम से प्रभावित करने वाली जया
PUBLISHED BY -LISHA DHIGE
कथावाचक और भजन गायिका जया किशोरी ने बहुत कम उम्र में अपनी सुरीली आवाज से करोड़ों लोगों को प्रभावित किया है जया किशोरी जब अपनी सम्मोहक वाणी में नानी बाई रो मायरो गाती हैं तब सुनने वाले श्रोता झुमने को मजबूर हो जाते हैं। छोटी सी उम्र में ही हजारों लोगों को ईश्वर की भक्ति और प्रेम से प्रभावित करने वाली जया किशोरी जी का जीवन किसी प्रेरणा से कम नहीं है।
जीवन परिचय
23 वर्षीय जया किशोरी जी का पूरा नाम जया शर्मा है, उनका जन्म 13 जुलाई 1995 को राजस्थान के ग्राम सुजानगढ़ में एक गौड़ ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम शिव शंकर शर्मा (राधे श्याम हरितपाल) और माता का नाम गीता देवी हरितपाल है। उनकी एक बहन भी हैं जिनका नाम चेतना शर्मा है।
जया किशोरी ने अपनी स्कूली पढाई कोलकाता के महादेवी बिडला वर्ल्ड एकेडमी और इसके बाद इन्होनें बी.कॉम की पढाई पूरी की हैं। जया किशोरी जी ने मात्र 9 वर्ष की आयु में संस्कृत में लिंगाष्टकम्, शिव-तांडव स्तोत्रम्, रामाष्टकम्, मधुराष्टकम्, श्रीरुद्राष्टकम्, शिवपंचाक्षर स्तोत्रम्, दारिद्रय दहन शिव स्तोत्रम् आदि कई स्तोत्रों को गाकर हजारों श्रोताओं को प्रभावित किया है।
जया किशोरी जी द्वारा जीवन जीने का नजरियाँ
जया किशोरी जी बेहद सादा जीवन जीने में विश्वास रखती हैं, उनका कहना है कि वर्तमान समय में तकनीक के कारण बच्चों का जीवन मोबाइल और लैपटॉप तक सीमित हो गया है, जिससे बच्चों में संस्कारों की कमी साफ देखी जा सकती है.
बड़ों और माता-पिता का सम्मान न करना, संतों और सन्यासियों का अनादर करना, आज के युवाओं द्वारा सामाजिक मर्यादाओं को तोड़ना। यह इस बात का संकेत है कि कहीं न कहीं हम अपने मूल्यों को भूल रहे हैं।
जया किशोरी जी (Jaya Sharma Kishori) अपनी सरल और मधुर वाणी और अपने अनुभवों के आधार पर ये सारी बातें पूरे समाज को बताने की कोशिश करती हैं।
जिस उम्र में लड़कियों को घूमना फिरना और श्रृंगार करना अच्छा लगता है, जया किशोरी जी भगवान की भक्ति में लीन हैं, उनका मानना है कि भगवान की भक्ति ही जीवन की सही दिशा है।
जया किशोरी जी की भगवान खाटूश्यामजी में अटूट आस्था है, यही कारण है कि वे हर साल राजस्थान में अपने पूरे परिवार के साथ खाटूश्यामजी के मंदिर जाती हैं। वह जब भी राजस्थान में खाटूश्यामजी के मंदिर जाती हैं तो अपने परिवार के साथ पंचायती धर्मशाला में ठहरती हैं। इस दौरान दो-तीन दिनों तक जया किशोरी जी के सानिध्य में पूरा माहौल भक्तिमय हो जाता है।
वह एक बच्चे के रूप में भगवान श्री कृष्ण के लिए शास्त्रीय नृत्य करती थीं, उनका पालन-पोषण एक ऐसे परिवार में हुआ था जो कृष्ण भक्ति में दृढ़ विश्वास रखता है। आज जया शर्मा किशोरी कथावाचक और भजन गायिका के रूप में पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं।
जया किशोरी जी अवार्ड
अभी तक जया किशोरी जी कई बड़े-बड़े समारोह में भाग ले चुकी है।
फेम इंडिया एशिया पोस्ट सर्वे 2019 यूथ आइकॉन “युवा” सर्वे रिपोर्ट में जया किशोरी जी 18320 प्रबुद्ध लोगों ने “अध्यातम” की श्रेणी में रखा है।
जया किशोरी जी के अनमोल विचार
बीच रास्ते से लौटने का कोई फायदा नहीं
क्योंकि लौटने पर आपको उतनी ही दूरी तय करनी पड़ेगी
जितनी दूरी तय करने पर आप लक्ष्य तक पहुँच सकते है।
जीतने वाला ही नहीं बल्कि कहां पर हारना है,
ये जानने वाला भी महान होता है।
ये क्या सोचेंगे? वो क्या सोचेंगे? दुनिया क्या सोचेगी?
इससे ऊपर उठकर कुछ सोच, जिन्दगीं सुकून का दूसरा नाम हो जाएगी।
किसी ने कहा अच्छे कर्म करो तो स्वर्ग मिलेगा
मै कहती हूँ माँ बाप की सेवा करो धरती पे ही स्वर्ग मिलेगा।
अनुभव एक कठोर शिक्षक है
क्योंकि वो परीक्षा पहले लेता है और पाठ बाद में सिखाता है।
महानता कभी न गिरने में नहीं बल्कि हर बार गिरकर उठ जाने में है।
काल करे सो आज कर, आज करे सो अब – सबकी आयु निश्चित है।
जब तक आप अपनी समस्याओं एंव कठिनाइयों की वजह दूसरों को मानते है,
तब तक आप अपनी समस्याओं एंव कठिनाइयों को मिटा नहीं सकते।
छोटी सी ज़िंदगी है,
हर बात में ख़ुश रहो।
कल किसने देखा है
बस अपने आज में ख़ुश रहो।
“ऐसी कोई मंजिल नहीं है,
जहाँ पहुँचने का कोई रास्ता न हो!”
सफलता हमारा परिचय दुनिया को करवाती है
और असफलता हमें दुनिया का परिचय करवाती है।
सबसे बड़ा उपहार जो आप दूसरों को दे सकते हैं,
वह बिना शर्त प्यार और स्वीकृति का उपहार है।
ख़ुद को बदलो,
देश बदल जाएगा।
हम बाकी सभी रिश्तों के साथ पैदा होते हैं
पर दोस्ती ही एक मात्र रिश्ता है जिसे हम खुद बनाते हैं।