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मौसम : बारिश डाल सकती है जेब पर असर..!!

भारतीय मौसम विभाग की ओर से मंगलवार को जारी एडवाइजरी के मुताबिक किसानों के फसलों को बचाने के लिए खेतों में पानी निकालने के लिए जल निकासी की अच्छी व्यवस्था रखनी चाहिए.

Published By- Komal Sen

वर्ष 2022 के अनियमित मानसून ने कृषि को काफी प्रभावित किया है। आम आदमी की जेब पर भी इसका असर पड़ने की आशंका है। जानकारों का कहना है कि कई राज्यों में भारी बारिश के कारण कटाई में देरी से खाद्य पदार्थों के दाम बढ़ सकते हैं. उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश और पंजाब के किसानों को लगातार बारिश के कारण फसलों को बचाने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। जिससे बड़े पैमाने पर अनाज का नुकसान हो रहा है.

भारी बारिश ने धान, बाजरा, सोयाबीन, दलहन, कपास जैसी गर्मियों में बोई गई फसलों को प्रभावित किया है। उत्तर प्रदेश राजस्व विभाग के अधिकारी हर्षित गोयल का कहना है कि लगातार बारिश से राज्य के कम से कम 30 जिलों में फसलों को नुकसान पहुंचा है. उन्होंने बताया कि बाजरे को हुए नुकसान के कारण आलू की बुवाई में देरी हुई है.

खास बात यह है कि देश को मानसून की अनिश्चित गतिविधियों का सामना करना पड़ा है। इस दौरान बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे धान उत्पादक राज्यों में कम बारिश हुई। वहीं देर से हुई बारिश से खेत भर गए। आईग्रेन प्राइवेट लिमिटेड के राहुल चौहान का कहना है, ‘बारिश की वजह से खाने-पीने की चीजों और खासकर सब्जियों के दाम बढ़ सकते हैं. भारी बारिश से खाद्य सामग्री ढोने वाले ट्रकों की आवाजाही भी प्रभावित हुई है। साथ ही बारिश ने फसलों पर कीटों का खतरा भी बढ़ा दिया है।

भारतीय मौसम विभाग की ओर से मंगलवार को जारी एडवाइजरी के मुताबिक किसानों को फसलों को बचाने के लिए खेतों में पानी निकालने के लिए जल निकासी की अच्छी व्यवस्था रखनी चाहिए. आईएमडी के आंकड़ों से पता चलता है कि देश के दूसरे सबसे बड़े चावल उत्पादक उत्तर प्रदेश में अक्टूबर में 500 प्रतिशत अधिक बारिश हुई।

Buland Chhattisgarh

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