पाकिस्तान की एक और नयी चाल..
पाकिस्तान का नया पैंतरा, कश्मीर में अफगान आतंकियों की घुसपैठ की कोशिश में ISI
Published By- Komal Sen
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों की चुनौती कम नहीं हो रही है. सुरक्षा बलों की आंतरिक रिपोर्ट में उल्लेख है कि आईएसआई लगातार घाटी में आतंकवादियों की घुसपैठ की कोशिश कर रही है। खासतौर पर अफगान आतंकियों को घाटी में भेजने की कोशिश की जा रही है ताकि अगर कोई बड़ा हमला होता है तो पाकिस्तान खुद जिम्मेदारी लेने से बच सके। सुरक्षा बल से जुड़े सूत्रों ने बताया कि घाटी में निश्चित संख्या में स्थानीय और विदेशी आतंकवादी बने हुए हैं। जैसे ही यह 200 से नीचे जाता है, पाकिस्तान की ओर से किसी भी तरह से घाटी में घुसपैठ की कोशिश की जाती है। रिपोर्ट में स्थानीय और विदेशी आतंकियों की अलग-अलग संख्या नहीं बताई गई है।
सूत्रों ने बताया कि अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से ही पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी अफगान आतंकियों को घाटी में भेजने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। कई बार सीमा पार अफगान आतंकियों की हरकत देखी गई है। हालांकि, अभी तक उनके प्रयास बहुत सफल नहीं हुए हैं। फिर भी एजेंसियां इसे अपने लिए बड़ी चुनौती मानकर काउंटर स्ट्रैटेजी पर काम कर रही हैं।
एक अधिकारी ने कहा कि हम सटीक संख्या नहीं बता सकते लेकिन अफगानिस्तान के घटनाक्रम के बाद विदेशी आतंकवादियों की संख्या में इजाफा हुआ है। घाटी में कितने अफगान आतंकवादी मौजूद हैं, इस बारे में एजेंसियों ने कोई जानकारी नहीं दी है। पाकिस्तान से ड्रोन से विस्फोटक भेजना भी आंतरिक रिपोर्ट में एक बड़ी चुनौती माना गया है. पाकिस्तान से सटे सीमावर्ती इलाकों में सुरंगें भी घाटी में एक बड़ी चुनौती हैं। सुरक्षा बलों का मानना है कि सुरंग का इस्तेमाल सीमा पार हथियार और ड्रग्स भेजने के लिए भी किया जाता है. एक अधिकारी ने कहा, ‘जिस तरह से ड्रोन के जरिए हथियारों और नशीले पदार्थों की खेप जारी है, यह एक बड़ी चुनौती है।
सुरक्षा बलों को भरोसा है कि घाटी में आतंकवाद नियंत्रण से बाहर नहीं होगा क्योंकि चुनौतियों की तुलना में तैयारी बहुत मजबूत है। लेकिन जिस तरह के नए हथकंडे अपनाए जा रहे हैं, उससे हमले की आशंका हमेशा बनी रहती है. घाटी में स्थानीय स्तर पर जमात के सक्रिय सदस्य अलग-अलग तरीके से अलगाववाद और कट्टरपंथ फैलाकर आतंकियों का नया जत्था तैयार करने में मदद कर रहे हैं.