गोधन न्याय योजना राशि अंतरण का हुआ कार्यक्रम
PUBLISHED BY : Vanshika Pandey
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज अपने आवास कार्यालय में आयोजित एक वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से गोधन न्याय योजना के लाभार्थियों को उनके बैंक खातों में 5 करोड़ 9 लाख रुपये की राशि हस्तांतरित की।
इस अवसर पर कृषि, जल संसाधन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री रवींद्र चौबे, शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाई सिंह टेकम, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. आलोक शुक्ला, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह, सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. एस. भारती दासन, विशेष सचिव कृषि डॉ. अयाज तंबोली, समग्र शिक्षा के प्रबंध निदेशक श्री नरेंद्र दुग्गा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित हैं।
• मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गोधन न्याय योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए सभी अधिकारी-कर्मचारियों, पशुपालकों, ग्रामीणों, गौठान समितियों के पदाधिकारियों और स्वयं सहायता समूहों की महिला बहनों को बधाई दी और बधाई दी.
• उन्होंने कहा कि आप सभी के समन्वित प्रयासों से गोधन न्याय योजना का दायरा लगातार बढ़ रहा है, जिसका लाभ कृषि के साथ-साथ सभी लोगों को दिया जा रहा है. आज इस योजना को एक मिशन के रूप में संचालित किया जा रहा है।
पिछले एक वर्ष में इस योजना के तहत लाभान्वित होने वाले पशुपालकों की संख्या 01 लाख 77 हजार 437 से बढ़कर 2 लाख 52 हजार 685 हो गई है, जो कि 42 प्रतिशत है।
• 3 हजार 89 गौठान स्वावलंबी बने हैं, जिन्होंने 18 करोड़ 24 लाख रुपये की राशि से गाय का गोबर खरीदा है.
• इस कार्यक्रम के माध्यम से आज गोधन न्याय योजना के लाभार्थियों को 05 करोड़ 9 लाख रुपये का भुगतान किया जा रहा है।
• इस राशि में से 02 करोड़ 69 लाख रुपये गोबर वेंडरों को, 93 लाख रुपये स्वयं सहायता समूहों को और 01 करोड़ 48 लाख रुपये गौठान समितियों को मिल रहे हैं.
• गोधन न्याय योजना के तहत लाभार्थियों को आज दी जा रही राशि को मिलाकर 340 करोड़ 35 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है.
• गोधन न्याय योजना देश और दुनिया में एकमात्र ऐसी योजना है, जिसमें गाय का गोबर 2 रुपये प्रति किलो की दर से और गोमूत्र 4 रुपये प्रति लीटर की दर से खरीदा जा रहा है।
• पिछले एक माह में गौठानों में 21 हजार 492 लीटर गोमूत्र खरीदा गया है, जिसमें से हमारी महिला बहनों ने 5 हजार 160 लीटर गोमूत्र कीटनाशक ब्रह्मास्त्र और 6 हजार 582 लीटर जीवामृत तैयार किया है.
• किसान भाइयों ने भी इसे कृषि में उपयोग के लिए खरीदना शुरू कर दिया है। करीब ढाई लाख रुपये के ब्रह्मास्त्र और जीवामृत की बिक्री हो चुकी है।
• इस योजना के तहत अब तक 160 करोड़ 94 लाख रुपये का गोबर खरीदा जा चुका है.