मदर टेरेसा, 112वी जयंती आज..
गर्भनिरोधक और गर्भपात के सख्त खिलाफ थीं मदर टेरेसा, जानिए उनके व्यक्तित्व से जुड़ी खास बातें..
Published By - Komal Sen
मदर टेरेसा, जिन्हें कलकत्ता की सेंट टेरेसा के नाम से जाना जाता है, का जन्म 26 अगस्त 1910 को हुआ था। उनका जन्म स्थान मैसेडोनिया गणराज्य की राजधानी स्कोप्जे है। वह एक अल्बानियाई-भारतीय रोमन कैथोलिक नन और मिशनरी थीं जिन्होंने धर्म का प्रसार करने के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान की यात्रा की। उनका जीवन आज भी लोगों को प्रेरणा देता है। आइए जानते हैं उनके जन्मदिन पर कुछ अनसुनी बातें, जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं।
1- मदर टेरेसा महात्मा गांधी से अत्यधिक प्रेरित थीं। वह उनके सिद्धांतों और अहिंसा की विचारधारा से बहुत प्रभावित थीं।
2- बचपन में उन्होंने अपना ज्यादातर समय चर्च में बिताया। वहां से वह मिशनरियों के जीवन की ओर बढ़ीं।
3- बहुत कम लोग जानते हैं कि टेरेसा ने 18 साल की उम्र में ही अपना घर छोड़ दिया था और उसके बाद वह अपने परिवार से कभी नहीं मिलीं।
4- मदर टेरेसा अल्बानियाई, सर्बियाई, अंग्रेजी, हिंदी और बंगाली बोलती थीं। उनका मानना था कि अलग-अलग भाषाएं सीखकर ही वह दूसरों के दर्द और पीड़ा को समझ सकती हैं और उनसे संवाद कर सकती हैं।
5- टेरेसा गर्भनिरोधक और गर्भपात के सख्त खिलाफ थीं। उनका मानना था कि गर्भ में बच्चे को मारना मानव हत्या के समान है जो मानव जाति के लिए बेहद शर्मनाक है।
6- 1931 से 1948 तक मदर टेरेसा ने कलकत्ता के सेंट मैरी हाई स्कूल में भूगोल, अंकगणित और धर्म पढ़ाया। बाद में, उन्होंने हेडमिस्ट्रेस के रूप में कार्यभार संभाला।
7- 2015 में रोमन कैथोलिक चर्च के पोप फ्रांसिस ने मदर टेरेसा को संत घोषित किया था। इसे विहितकरण के रूप में जाना जाता है, और इसका अर्थ है कि मदर टेरेसा को अब कैथोलिक चर्च में कलकत्ता के सेंट टेरेसा के रूप में जाना जाता है।
8- मदर टेरेसा को वेटिकन और संयुक्त राष्ट्र में बोलने का निमंत्रण मिला, जो कुछ ही शक्तिशाली लोगों को दिया जाता है।