( PUBLISHED BY – SEEMA UPADHYAY )
मुहर्रम 2022 मुस्लिम समुदाय के प्रमुख त्योहारों में से एक है. मुहर्रम इस बार 9 अगस्त को मनाया जाएगा। इस बार मुहर्रम का महीना 31 जुलाई से शुरू हो गया है और मुहर्रम का दसवां दिन आशूरा है। इस दिन मुहर्रम मनाया जाता है। इस साल 9 अगस्त, मंगलवार मुहर्रम का 10वां दिन आशूरा है। आइए आपको बताते हैं कि मुहर्रम क्यों मनाया जाता है और इस दिन आखिर क्यों निकला जाता है ताजिया।
इमाम हुसैन की शहादत
पैगंबर हजरत मुहम्मद के नवासे इमाम हुसैन की शहादत को याद करते हुए मुस्लिम समुदाय के लोग मुहर्रत मनाते हैं। मुहर्रम के महीने का दसवां दिन सबसे खास माना जाता है। इतिहास में बताया गया है कि मुहर्रम के महीने की 10 तारीख को पैगंबर हजरत मोहम्मद के नवासे हजरत इमाम हुसैन कर्बला की लड़ाई में शहीद हुए थे। उन्होंने इस्लाम की रक्षा के लिए खुद को बलिदान कर दिया। इस युद्ध में उनके साथ उनके 72 साथी भी शहीद हुए थे। कर्बला इराक का एक शहर है, जहां हज़रत इमाम हुसैन का मकबरा उसी जगह बनाया गया था, जहां इमाम हुसैन और यज़ीद की सेना के बीच टकराव हुआ था। यह जगह इराक की राजधानी बगदाद से करीब 120 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
जानिये किस लिए निकाले जाते हैं ताजिए?
मुहर्रम के दिन इस्लाम के शिया समुदाय के लोग ताजिया निकालकर शोक मनाते हैं। दरअसल, जिस जगह पर इमाम हुसैन का मकबरा बना है, उसी आकार के ताजिया बनाकर प्रतीकात्मक रूप से जुलूस निकाला जाता है। इस बारात में पूरे रास्ते मुस्लिम लोग मातम मनाते हैं और साथ में ये भी कहते हैं, या हुसैन, हम नहीं हुए. लोग यह कहकर शोक मनाते हैं कि हुसैन हम कर्बला की लड़ाई में आपके साथ नहीं थे, नहीं तो हम भी इस्लाम की रक्षा के लिए अपनी जान कुर्बान कर देते।
कहा जाता है कि इन ताजियों को कर्बला की लड़ाई के शहीदों का प्रतीक माना जाता है।
जुलूस इमामबाड़े से शुरू होकर कर्बला पर समाप्त होता है और सभी ताजियों को वहीं दफना दिया जाता है। इस दिन मुसलमान शोक मनाने के लिए काले कपड़े पहनते हैं। शोभायात्रा में पितरों के बलिदान की गाथाएं सुनाई जाती हैं, जिससे आज की पीढ़ी इसके महत्व को समझ सके और जीवन का मूल्य जान सके।