शेख हसीना को ICT-BD से फांसी की सजा, मानवता के खिलाफ अपराध का बड़ा फैसला

बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT-BD) ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ अपना फैसला सुनाते हुए उन्हें फांसी की सजा दी है। ट्रिब्यूनल ने कहा कि उसने मानवाधिकार संगठनों सहित कई संस्थाओं की रिपोर्टों और प्रस्तुत साक्ष्यों पर विचार किया है। ट्रिब्यूनल के अनुसार, शेख हसीना के शासनकाल में मानवता के खिलाफ गंभीर अपराध किए गए। फैसले में कहा गया है कि बड़े पैमाने पर प्रदर्शनकारियों की मौत हुई और अवामी लीग के कार्यकर्ताओं ने नेतृत्व की जानकारी में सुनियोजित हमले किए। मानवाधिकार उल्लंघन पर अदालत की टिप्पणी ट्रिब्यूनल ने कहा कि राजनीतिक नेतृत्व द्वारा दिए गए प्रत्यक्ष आदेशों के कारण प्रदर्शनकारियों और आम नागरिकों के अधिकारों का गंभीर उल्लंघन हुआ। अभियोजकों ने इस मामले में हसीना के लिए मृत्युदंड की ही मांग की थी। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए अदालत ने बताया कि 15 जुलाई से 15 अगस्त के बीच हुए ‘विद्रोह’ के दौरान लगभग 1,400 लोगों की मौत हुई, जबकि 11,000 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया या गिरफ्तार किया गया। सजा से पहले शेख हसीना का बयान फैसले से पूर्व जारी एक ऑडियो संदेश में शेख हसीना ने सभी आरोपों को “पूरी तरह झूठा” बताया। उन्होंने कहा: “हमने ऐसे कई हमलों और मामलों का सामना किया है। मुझे परवाह नहीं; अल्लाह ने मुझे जीवन दिया है और एक दिन मेरी मौत आएगी। मैं देश के लोगों के लिए काम कर रही हूं और करती रहूंगी।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें बलपूर्वक सत्ता से हटाया गया था, जो संविधान के अनुच्छेद 7(बी) का उल्लंघन है। शेख हसीना ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे सजा को लेकर चिंतित न हों।







