E- Paperछत्तीसगढ़

ग्राम विकास समिति के नाम पर खुलेआम वसूली का खेल!

बंशीपुर में ट्रैक्टर चालकों से प्रति गाड़ी 200 रुपए की अवैध वसूली

पंचायत ने झाड़ा पल्ला – एसडीएम बोलीं: कराएंगे जांच

सूरजपुर/प्रतापपुर-बंशीपुर:– सूरजपुर जिले के जनपद पंचायत प्रतापपुर अंतर्गत बंशीपुर ग्राम में इन दिनों अवैध वसूली का एक शर्मनाक खेल खुलेआम खेला जा रहा है। ग्राम विकास समिति – बंशीपुर के नाम पर रेत परिवहन करने वाले ट्रैक्टर चालकों से प्रति गाड़ी ₹200 की वसूली की जा रही है, वो भी बिना किसी वैध दस्तावेज और अधिकारिक अनुमति के। वसूली के बदले में जो रसीद दी जा रही है, उसमें न तो कोई पंजीयन नंबर है, न ही सरकारी मुहर। यह सीधा-सीधा अवैध वसूली और फर्जीवाड़ा है।

न पंचायत की मंजूरी, न कोई आदेश!

जब इस पर ग्राम पंचायत बंशीपुर के सचिव से सवाल किया गया तो उन्होंने साफ कहा – “हमारी पंचायत का इस वसूली से कोई लेना-देना नहीं है। न कोई प्रस्ताव पारित हुआ, न कोई आदेश दिया गया। यदि कोई स्वयंभू समिति बनाकर वसूली कर रहा है तो वह पूरी तरह अवैध है।”वहीं ग्राम पंचायत के सरपंच ने भी इन आरोपों की पुष्टि करते हुए कहा – “हमने वसूली के लिए किसी को अधिकृत नहीं किया है। यदि कोई समिति बनाकर खुद से पैसे वसूल रहा है, तो वह गैरकानूनी है और उस पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।”

प्रशासन सख्त, जांच के आदेश तय

जब मामले की भनक एसडीएम प्रतापपुर ललिता भगत तक पहुंची तो उन्होंने सख्त लहजे में कहा – “बिना ग्राम पंचायत की सहमति और बिना वैध दस्तावेज के यदि कोई तीसरी पार्टी रेत परिवहन पर अवैध वसूली कर रही है तो यह पूरी तरह से गैरकानूनी है। वर्तमान में सरकार द्वारा आवास निर्माण जैसी महत्वपूर्ण योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनमें रेत की आवश्यकता होती है। ऐसे में इस तरह की वसूली कार्य में बाधा और कानून का उल्लंघन है। मैं तत्काल जांच के आदेश दूंगी।”

जनता में आक्रोश, सवालों के घेरे में विकास समिति

इस पूरे मामले ने न सिर्फ स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि तथाकथित ग्राम विकास समिति की वैधता पर भी गंभीर संदेह जताए जा रहे हैं। सवाल यह है कि –आखिर किसके आदेश पर यह वसूली हो रही है?, अगर पंचायत ने मंजूरी नहीं दी तो फिर यह समिति किसके भरोसे सक्रिय है?, क्या इसके पीछे कोई रसूखदार चेहरा है जो पर्दे के पीछे से खेल खेल रहा है?अब देखना होगा कि जांच के बाद यह ‘विकास समिति’ वाकई गांव का विकास कर रही थी या अपनी जेबें भरने का ठेका ले रखा था।

Vanshika Pandey

Show More

Related Articles

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker