छत्तीसगढ़
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सिस्टम से खेलता कांग्रेसी ठेकेदार

मामला श्रृंग कंस्ट्रक्शन द्वारा दर्जनों योजनाओं में विभाग से एग्रीमेंट करने के बाद एपीएस की राशि निकालने व वर्क इन हैंड छुपाने का
गजब की सरकार गजब के अधिकारी ऐसे ही किसी ने किसी राजा के शासन में उक्त कहावत को कहकर उस राजा को आईना दिखाया यह कि अंधेर नगरी चौपट राजा, टका सेर भॉजी टका सेर खाजा…उक्त कहावत जलसंसाधन विभाग के अधिकारी से लेकर विभागीय राजा पर बिल्कुल फिट बैठती है…।
श्रृंग कंस्ट्रक्सन द्वारा प्रदेशभर में चल रहें एनिकट/स्टांप डेम और अन्य योजनाओं में विभाग द्वारा एग्रीमेंट करने के बाद एपीएस (एफडीआर) की राशि निकालने के साथ ही झूठे शपथ- पत्र और हस्तगत कार्याे को छिपाकर करोड़ों रूपये के टेंडर में जमकर गुणवत्ताविहीन कार्य करने के बावजूद जल संसाधन विभाग कार्यवाही करने का साहस नहीं जुटा पा रहा है…।

रायपुर। बुलंद छत्तीसगढ़ के 3 से 9 दिसम्बर 2024 के अंक में प्रकाशित खबर आपराधिक प्रवृति का कंाग्रेसी ठेकेदार अमित जायसवाल की पकड़ तगड़ी, मैली ना हो जाये सीएम साय और मंत्री केदार कश्यप की पगड़ी शीर्षक ने जलसंसाधन विभाग में चलने वाले कार्यों में ठेकेदार की कारगुजारियों का भंडाफोड़ किया था जिसमें उसके द्वारा किए गए हस्तगत कार्यों को विभाग से छिपाकर जहाँ नियम का भरपूर उल्लंघन किया वहीं यह साबित भी किया कि नेता-मंत्री- विधायक और विभागीय अधिकारी उसकी जेब में है…।

कांड करने में माहिर आपराधिक प्रवृति का ठेकेदार अमित जायसवाल विभागीय अधिकारियों से लेकर इंतजाम अली बाबुओं तक में अपनी ऐसी पैठ जमाकर कार्य करवाने में माहिर है कि नैतिक-अनैतिक किसी भी तरह का काम हो… वजन अनुसार कार्य करवा ही लेता है…
शातिर लोगों की चालाकी कहो या चालबाजों का शातिरपन… माहिर रास्ता खोज ही लेते हैं…। ऐसा ही शातिराना खेल ठेकेदार अमित ने खेल डाला…। किसी भी निविदा को प्राप्त करने भरे जाने वाले निविदा फार्म के साथ एक प्रतिशत धरोहर राशि और निविदा प्राप्त कार्य के बाद एपीएस (एफडीआर) विभाग में जमा करना होता है जो तय कार्य पूरा होने तक विभाग में जमा रहता है किन्तु शातिर जायसवाल ने अपनी चालबाजी दिखाकर कहो… या विभाग की मिलीभगत से… उक्त एपीएस (एफडीआर) को कुछ ही दिनों में निकाल लेता है…।

अमित जायसवाल के इस कार्य की छीछालेदर करने के उद्देश्य से नहीं कहा जा रहा है…
बल्कि बुलंद छत्तीसगढ़ के पास इसके प्रमाण भी हैं… जो अंबिकापुर बेल्हार (बांध), कंचनपुर और जोरबहरा में प्रत्यक्ष देखा जा सकता है…. बुलंद छत्तीसगढ के अति विश्वसनीय विभागीय सुत्रों के अनुसार चर्चा तो यह भी है कि उक्त कार्य…जशपुर, धमतरी, कोटा, पेंन्ड्रा और अंबिकापुर जैसे जिले के अन्य स्थानों पर भी किया जा चुका है… जो जाँच का विषय है… सिर्फ जाँच का ही नहीं साबित होने के बाद अमित जायसवाल एवं उसकी फर्म श्रृंग कन्सट्रक्शन पर कड़ी कार्यवाही करते जहाँ जायसवाल के खिलाफ जहॉ एफआईआर होना चाहिए वहीं उसके फर्म श्रृंग कन्सट्रक्शन को ब्लैक लिस्ट कर उसकी संपति को राजसात करना भी चाहिए…।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भ्रष्टाचार को रोकने की दिशा में अपनी पूरी शक्ति लगा रहे हैं वहीं छतीसगढ़ में कांग्रेस के किले को ध्वस्त कर उन्होंने पुन: भाजपा को सत्तासीन किया… किन्तु सत्ता पर विराजमान, भाजपा के कर्णधारों ने अपनी जिम्मेदारी को कितनी शिद्त से निभाया यदि उसका आकलन करें तो प्रधानमंत्री मोदी का प्रयास व्यर्थ नजऱ आ रहा है…

धूमिल होती छवि को सुधारने की कि जिम्मेदारी प्रदेश भाजपा एवं संगठन की हैं संघ मुख्यालय से भी आते संदेश यही दर्शाते है कि छवि बेदाग रखें… किन्तु सत्तामद में मदमस्त विभागीय मंत्री सहित मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को शायद उपर से आए संदेश समझ नहीं आ रहे या समझना ही नहीं चाहते…। यहॉ शातिर अमित जायसवाल जैसे शातिर लोग शासन के खजाने को लुटकर नेता-मंत्री- विधायकों सहित अधिकारियों को साबुन का झांग थमाकर पूरी की पूरी साबुन बट्टी का भरपूर आनंद उठाते हैं… उपर से यह भी गाते हैं कि पार्टी फंड से लेकर सभी की मुरादें पूरा करते हैं हमारा कौन क्या बिगाड़ लेगा…?
अमित जायसवाल के एपीएस (एफडीआर) निकालने वाले कृत्य से अन्य ठेकेदारों में कॉफी आक्रोश है जो भविष्य में उग्र रूप धारण कर सकता है…।

उधर छत्तीसगढ़ के खजाने में डाका डालने वाले जायसवाल के खिलाफ पत्रकारों का एक बड़ा समूह शीघ्र ही आंदोलन की दिशा तय करेगा… हॉलाकि विधानसभा में उठने वाले प्रश्नों पर हमेशा सवालिया निशान होते हैं…? किन्तु इस सत्र में यह मुद्दा उठाने का भरपुर प्रयास होने वाला है… देखना यह है कि उठाने वाले विधायक महोदय कितनी दमदारी दिखा पाते हैं…? ठेकेदार पर अंबिकापुर के अधिकारी इतने मेहरबान हैं कि उन्होंने एपीएस (एफडीआर) को निकालने वाले चालबाज अमित जायसवाल के प्रभाव में आकर एक अन्य फर्म में बिना काम किए पहले ही 6 करोड़ से अधिक का भुगतान भी कर डाला… ऐसी चर्चा आम है…। अब देखना यह है कि पूरे सिस्टम से खेलने वाले ठेकेदार अमित जायसवाल के खिलाफ विभाग के साथ-साथ सरकार कितने कड़े कदम उठाती है…?

फर्जी P.Q. सर्टिफिकेट के सहारे, टेंडर लेने में किया सबको किनारे

सबलेट की पात्रता ना होते हुए भी विभागीय अधिकारी श्रृंग कंस्ट्रक्सन के ठेकेदार अमित जायसवाल का कैसे सहयोग करते है… ? इसके प्रमाण जलसंसाधन विभाग में आसानी से देखने मिल जाएंगे…। नियम विरूद्ध कार्य करने में माहिर ठेकेदार अमित जायसवाल ने अधिकारियों को गुमराह कर गलत प्रमाण पत्र (क्क.क्त.) सर्टिफिकेट बनवाकर विभाग से करोड़ों रूपये का कार्य ले लिया…। सबलेट लेने वाले जमा हुए प्रमाण पत्र में खेला करके जहॉ अधिकारियों ने अपनी कलम फॅसा ली वहीं ठेकेदार द्वारा दिए गए प्रलोभन को भी उजागर कर दिया… जो 30.06.2022 एवं 06.12.2022 के (क्क.क्त.) सर्टिफिकेट से साबित हो जाता है…।
श्रृंग कंस्ट्रक्सन के पार्टनर ठेकेदार अमित जायसवाल के जाल में फसकर विभागीय अधिकारी अपनी नौकरी के साथ-साथ अपनी प्रतिष्ठा दाव पर नहीं लगा रहे है…? भ्रष्ट और शातिर ठेकेदार अमित जायसवाल को ना अपनी प्रतिष्ठा से मतलब होता है और ना अपने द्वारा लूटाए जाने वाले धन से… पैसा फेक तमाशा देख की तर्ज पर कार्य करने वाले ऐसे भ्रष्ट अमित जायसवाल जैसे ठेकेदार से विभागीय अधिकारियों को हमेशा सावधान रहना चाहिए… बल्कि उनके ऊपर किसी प्रकार का कोई दाग ना लगे…। अपनी प्रतिष्ठा को सुरक्षित रखने के लिए विभागीय अधिकारियों सहित विभागीय मंत्री को भी श्रृंग कन्सट्रक्शन के उपर कड़ी कार्रवाई करते यह साबित करना होगा कि उनका दामन बेदाग है… गफलत करने वाला दोषी सिर्फ और सिर्फ अमित जायसवाल है…।

Vanshika Pandey

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