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जाने कैसे और क्यों कम हो गयी बाघों की संख्या ?

( PUBLISHED BY – SEEMA UPADHYAY )

अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस 2022: एक सदी पहले, दुनिया भर में लगभग 100,000 बाघों ने जंगलों पर शासन किया था। लेकिन 21वीं सदी के आते-आते केवल 13 देशों में बाघों की संख्या घटकर चार हजार से भी कम रह गई है। इसलिए अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस 2022 साल में एक दिन 29 जुलाई को मनाया जाता है, ताकि बचे हुए बाघों को बचाया जा सके और उनकी संख्या बढ़ाई जा सके।

अब केवल इन 13 देशों में ही पाए जाते हैं टाइगर

वर्ल्ड वाइल्डलाइफ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक अनुमान के मुताबिक कुछ सालों में बाघों की संख्या में 95 फीसदी की कमी आई है। अब उनकी आबादी भारत, बांग्लादेश, भूटान, कंबोडिया, चीन, इंडोनेशिया, लाओ पीडीआर, मलेशिया, म्यांमार, नेपाल, रूस, थाईलैंड और वियतनाम सहित 13 देशों तक सीमित है।

इन कारणों से कम हो रही बाघों की संख्या

वनों की कटाई, अवैध शिकार, उनके आवास में कमी, आनुवंशिक विविधता, आकस्मिक रूप से आवासीय क्षेत्रों में प्रवेश, बाघ पर्यटन, असफल परियोजनाओं और ग्लोबल वार्मिंग सहित बाघों की संख्या कम होने के कई कारण हैं। इन लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 29 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस या वैश्विक बाघ दिवस मनाया जाता है।

वर्ल्ड टाइगर डे का इतिहास क्या है?

विश्व बाघ दिवस की शुरुआत 2010 में हुई थी जब रूस में सेंट पीटर्सबर्ग टाइगर समिट में इसे मान्यता दी गई थी। हर कोई हैरान था जब एक रिपोर्ट से पता चला कि सभी बाघों में से 97% गायब हो गए हैं, वैश्विक परिदृश्य में केवल 3,900 बाघ जीवित हैं।

Buland Chhattisgarh

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