छत्तीसगढ़

कैरियर निर्माण में धार्मिक संस्कारों को सदैव आत्मसाथ रखें : ब्रह्मचारी सुनील

रायपुर । चंद्रप्रभ दिगंबर जैन मंदिर शंकर नगर समिति द्वारा जैन यूथ मीट एवं करियर काउंसलिंग “आरंभ- 2” का आयोजन वृंदावन हॉल में संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में जैन समाज के बच्चों ने उत्साह पूर्वक भाग लेकर अपनी भावी शिक्षा हेतु मार्गदर्शन प्राप्त किया। आचार्य विद्यासागर महाराज के चित्र के समक्ष अतिथियों द्वारा मंगलदीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया ।

बाल ब्रह्मचारी सुनील भैया के सानिध्य एवं मार्गदर्शन में आयोजित करियर काउंसलिंग संबंधी इस द्वितीय शिविर आरंभ-2 में मुख्य अतिथि श्रीमती रितु अमिताभ जैन, डॉ. प्रणय डा.शेफाली जैन रहे। नारायणपुर के एसडीएम वासु जैन (आईएएस) एवं श्रीमती अंशिका जैन (आईपीएस) ने ऑनलाइन जुड़कर आयोजन में अपने विचार व्यक्त किये। करियर काउंसलर के रूप में अध्यसा पट्टनायक एवं शिवली श्रीवास्तव ने मार्गदर्शन प्रदान किया।

इस अवसर पर अपने प्रेरणा-प्रद संबोधन में ब्रह्मचारी भैया सुनील जैन ने खुद की पहचान बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि खुद से बड़ा शिक्षक कोई नहीं होता अतः स्वयं को पहचाने साथ ही अपने अभिरुचि के अनुसार शिक्षा ग्रहण करें । आपने अभिरुचि को जीवन का एक महत्वपूर्ण दर्शन बताया ।

उन्होंने कहा कि हमें जीवन में आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ना चाहिए लेकिन अति-आत्मविश्वास नुकसानदायक हो सकता है । आपने कहा कि हमें अपने कैरियर के लिए ऐसा रास्ता चुनना चाहिए जिसमें हमें संतोष प्राप्त हो जो हमें अंदर से आल्हादित करता हो ऐसा मार्ग चुने से परिणाम बहुत ही सकारात्मक रहते हैं साथ ही आपने कहा कि दृढ़ संकल्प करने के पहले भले ही आप कई बार विचार करें लेकिन जब एक बार आपने संकल्प कर लिया तो फिर पीछे ना हटते हुए पूरी शक्ति के साथ उसे संकल्प को पूरा करने के लिए प्रयासरत रहना चाहिए, आपको सफलता निश्चित ही रूप मिलेगी ।

विषय पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि हम अपने आसपास ऐसा सर्किल बनाएं जिससे हमारी आंतरिक शक्ति में विकास हो हम ऐसे लोगों से ही मिले जो हमारी शक्ति व समझ को आगे बढ़ाने में सहायक हो सकते हो । जीवन में भरपूर धूप ले । नए मित्र बनाएं । नई सोच के साथ आगे बढ़े ।

आपने कहा कि आज कल व्हाट्सएप पर तमाम मैसेज देख लेने के बाद कुछ भी याद नहीं रहता जबकि आप यदि किताब का अध्ययन करते हैं और उसके विचार को अपने दिमाग में रख लेते हैं तो वह जीवन पर्यंत आपको स्मरण में बना रहता है । साथ ही आपने कहा कि जीवन में जोखिम उठाने की क्षमता भी विकसित करनी होगी क्योंकि समय के अनुसार नहीं चलने पर आप पीछे रह जाएंगे साथ ही जोखिम उठाऐंगे तो निश्चित रूप से उसके दूरगामी परिणाम अच्छे आएंगे।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि समाज सेविका श्रीमती ऋतु अमिताभ जैन ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन समय की आवश्यकता है । इससे बच्चों को जो मार्गदर्शन मिलेगा वह जीवन में उन्हें मजबूती से खड़े रहने में सहायक होगा । पढ़ाई के साथ अतिरिक्त गतिविधियों को किया जाना बहुत जरूरी है । आपने संस्कारों पर जोर देते हुए कहा कि हमें अपने परिवार, धर्म, गुरुओं से मिले हुए संस्कारों को सदैव आत्मसात रखना चाहिए क्योंकि पेड़ों में भी मौसम आने पर पत्ते तो बदल जाते हैं लेकिन उनकी जडें वही रहती हैं । हमें घर परिवार से मिली संस्कारों की नींव जितनी मजबूत होगी हमारा भावी जीवन का भवन भी उतना ही मजबूत होगा । आपने कहा कि स्वयं पर विश्वास रखिए अच्छे मित्र बनाया और तनावपूर्ण वातावरण में रहकर शिक्षा परीक्षा में सहभागिता कीजिए आपको अवश्य ही अच्छे करियर में सफलता मिलेगी ।

अतिथि डॉक्टर प्रणय जैन ने कहा कि हमें किसी भी विषय को बार-बार पढ़ना चाहिए वह विषय हमें याद हो जाएगा । जीवन में कैरियर निर्माण हेतु दो-तीन वर्ष की कडी मेहनत सफल जीवन का मार्ग प्रशस्त करती है । आपने कहा कि धर्म के साथ जुड़े रहना अति आवश्यक है एवं जीवन में कमाया हुआ धन हमें धार्मिक कार्यों में अवश्य ही दान करना चाहिए जिससे धन एवं मन शुद्ध होती है ।

आयोजन में ऑनलाइन जुड़े नारायणपुर के परगना अधिकारी वासु जैन (आईएएस) एवं श्रीमती अंशिका जैन (आईपीएस) ने जैन धर्म की पहचान देव दर्शन, पानी छानकर पीना एवं रात्रि भोजन न करना आदि विशेषताओं के साथ जीवन में त्याग एवं सदविचारों के साथ स्वाध्याय को जीवन का अंग बनाकर चलने की सलाह दी । उन्होंने कहा कि करियर बनाने की दिशा में आप अपने अनुकूलता से विषय को चुने लेकिन मूलभूत धर्म के सिद्धांतों को ना छोडे । आपने भोजन में शुद्धता पर विशेष रूप से जोर दिया और कहा कि भोजन की शुद्धता मन की शुद्धता लाती है और उससे अच्छे विचार आते है जो आपको अपने अच्छे करियर बनाने में सहयोगी रहते है ।

इससे पूर्व करियर काउंसलर अध्यसा पट्टनायक एवं शिवली श्रीवास्तव ने उपस्थित बच्चों को उनके प्रश्नों का उत्तर देते हुए बेहतर भविष्य निर्माण एवं शिक्षा की सही दिशा चुनने हेतु मार्गदर्शन प्रदान किया । उन्होंने बच्चों के साथ उनके माता-पिता द्वारा भी की पूछे गए प्रश्नों का उत्तर देते हुए सब की शंकाओं का समाधान किया । आगामी 1 सितंबर को शंकर नगर दिगंबर जैन मंदिर में निजी रूप से काउंसलिंग हेतु शिविर का अगला चरण संपन्न होगा।

इस अवसर पर दिगंबर जैन मंदिर शंकर नगर के अध्यक्ष मनीष जैन ने सभी अतिथियों का स्वागत सम्मान किया । प्रदीप जैन विश्व परिवार द्वारा अतिथियों को पौधे भेंट कर सम्मान किया।

संगोष्ठी में आभार प्रदर्शन अरविंद पहाड़िया श्रीमती डॉ नीना द्वारा किया गया। संचालन विजय कस्तूरे द्वारा किया गया। समारोह को सफल बनाने में श्रीमती माया जैन, अमिताप जैन, अजय जैन, अमित जैन, संदीप बंडी, प्रतीक जैन, संतोष जैन, श्रीमती बंडी, मती पल्लवी, सुधांशु जैन, सुजीत जैन, स्नेह जतिन जैन आदि ने अपना सहयोग प्रदान किया ।

Vanshika Pandey

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