रायपुर । बहुचर्चित कोल लेवी घोटाले में जेल गई निलंबित उप सचिव सौम्या चौरसिया की जमानत एक बार फिर से नामंजूर हो गई। 450 करोड़ से अधिक के इस कोल लेवी घोटाले में आरोपी जायसवाल भाइयों हेमंत और चंद्रप्रकाश जायसवाल की पुलिस रिमांड भी बढ़ा दी गई है। दोनों को कोर्ट ने 1 जुलाई तक रिमांड पर ब्यूरो को सौंप दिया है।
बचाव पक्ष ने कोर्ट में पिछली न्यायिक रिमांड डेट पर ईओडब्ल्यू के पत्र का हवाला देते हुए कहा कि, ईओडब्लू ने खुद अपने प्रस्तुत पत्र में अभियुक्ता को न्यायिक रिमांड में रखने की आवश्यकता नहीं बताई। साथ ही ईडी और ईओडब्ल्यू की FIR में कहीं भी पद का दुरुपयोग करने के सबूत नहीं हैं। बचाव पक्ष ने पिछले दिनों एक युवक कश्मीर में प्रधानमंत्री का करीब होकर घूमने का उदहारण देते हुए कहा कि, प्रधानमंत्री के पद का दुरुपयोग करने वाले को गिरफ्तार किया गया न की प्रधानमंत्री को। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट की कई न्याय दृष्टांत प्रस्तुत कर जमानत का लाभ देने का अनुरोध किया गया। ईओडब्लू ने जमानत की मांग का विरोध किया। कोर्ट में करीब 1 घंटे तक चली बहस के बाद कोर्ट ने शाम को अपना फैसला सुनाते हुए जमानत न देने की बात कही। कोर्ट ने यह भी कहा कि, मामले की केस डायरी के मुताबिक इस आर्थिक गड़बड़ी में सौम्या चौरसिया की पूरी संलिप्तता नजर आ रही है।
उल्लेखनीय है कि, सौम्या चौरसिया की याचिका पर एंटी करप्शन ब्यूरो की तरफ से डॉ. सौरभ कुमार पांडे और बचाव पक्ष से बिलासपुर हाईकोर्ट के वकील हर्षवर्धन परघनिया, फैज़ल रिजवी ने पैरवी की। जमानत याचिका पर यह सुनवाई फर्स्ट एडीजे एसीबी/ईओडब्लू की कोर्ट में हुई।