रायपुर । एक्सीडेंट में ब्रेनडेड हुए युवक की किडनी और आंखें चार मरीजों को नया जीवन दे गईं। परिजनों की स्वीकृति के बाद उसकी एक किडनी एम्स और दूसरी बालाजी हॉस्पिटल के मरीज को प्रत्यारोपित की गई। आंखें एम्स में पंजीकृत मरीजों को ट्रांसप्लांट की जाएंगी।
जानकारी के अनुसार 40 वर्षीय युवक को गंभीर अवस्था में 4 अप्रैल को एम्स लाया गया था। इस दौरान युवक के परिजनों के बारे में भी किसी तरह की जानकारी नहीं थी। दूसरे दिन परिजनों का पता चला और युवक का इलाज कर उसे स्वस्थ करने का भरसक प्रयास किया गया, मगर सफलता नहीं मिली।
एम्स के चिकित्सकों की टीम ने विभिन्न प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद उसे ब्रेनडेड घोषित कर दिया। इस दौरान युवक के परिजनों को कैडेवर डोनेशन के बारे में जानकारी दी गई तो उन्होंने युवक के अंगों को दान में देने की सहमति प्रदान की। रविवार को युवक की एक किडनी एम्स में इलाज करा रहे दुर्ग के 45 वर्षीय मरीज को प्रत्यारोपित की गई। मरीज की दोनों किडनियां खराब हो चुकी थीं और वह डायलिसिस पर था। इसी तरह दूसरी किडनी बालाजी हास्पिटल में भर्ती ओडिशा निवासी मरीज को ट्रांसप्लांट की गई। युवक की आंखें एम्स में पंजीकृत मरीजों को प्रत्यारोपित की जाएंगी।
जानकारी के अनुसार जो युवक रायपुर में हादसे का शिकार हुआ था, वह मूलतः बिलासपुर का रहने वाला था। युवक की पहचान जीतेंद्र सिंह मरावी के रूप में की गई है। युवक का लिवर खराब हो चुका था, इसलिए उसे किसी मरीज को प्रत्यारोपित नहीं किया जा सका।
राज्य में इसके पूर्व 19 दिसंबर को भानुप्रतापपुर के एक ब्रेनडेड मरीज ने अंगदान किया था। राज्य में अब तक कैडेवर डोनर्स की संख्या 7 हो चुकी है। राज्य में बेनडेड होने के बाद अंगदान की शुरुआत राजधानी के टाटीबंध इलाके में रहने वाले एक परिवार ने की थी। इसके बाद अन्य जिलों में रहने वालों ने भी इस महादान में भागीदारी निभाई।
राज्य अंग एवं उतक प्रत्यारोपण संगठन के अध्यक्ष डॉ. विनीत जैन ने बताया कि, ब्रेनडेड युवक से मिली किडनियां दो जरूरतमंद मरीजों को प्रत्यारोपित की गई हैं। कैडेवर डोनेशन की प्रक्रिया एम्स में पूरी की गई।