कोरबा। जल संसाधन विभाग हसदेव नदी पर भिलाई खुर्द और मड़वारानी सहित जिले के विभिन्न छोटे नदी-नालों में 12 एनीकट का निर्माण करेगा। जीवन दायनी हसदेव पर एनीकट बनने से शहर के मानिकपुर क्षेत्र में पेयजल के अलावा मड़वारानी पहाड़ से लगे 17 गांव में सिंचाई सुविधा सुदृढ़ होगी।
53.78 करोड़ की लागत से तैयार होने वाली एनीकट निर्माण पर शासन की स्वीकृति की मुहर लग चुकी है। राशि जारी होते ही कार्य शुरू हो जाएगा। शहर के गेरवाघाट में सर्वेश्वर के बाद हसदेव नदी में तैयार होने भिलाईखुर्द एनीकट से शहर में जलापूर्ति सुविधा समृद्ध होगी। सर्वेश्वर एनीकट के निगम क्षेत्र के 23 वार्डों को पानी आपूर्ति के लिए किया गया है। वहीं भिलाई खुर्द में एनीकट बनने से मानिकपुर, खरमोरा, दादरखुर्द, रविशंकर नगर आदि क्षेत्र के 23 हजार आबादी तक नदी का पानी पहुंचेगा।
नदी में दो एनीकट के अस्तित्व में आने से वर्षा जल का संरक्षण होगा।
इसी तरह मडवारानी पहाड़ के निकट हसदेव नदी पर 26 करोड़ की लागत से कार्य पहले जिला खनिज न्यास से पूरा होना था। तय समय पर राशि स्वीकृति नहीं होने से यह योजना अंतत: निरस्त हो गई। अब जल संसाधन विभाग ने इसे विभागीय मद से पूरा कराने का निर्णय लिया है। तैयार प्राक्कलन के अनुसार 340 मीटर लंबा और 4.30 मीटर चौड़ा इस एनीकट की ऊंचाई 3.50 मीटर ऊंची होगी। पहाड़ के आसपास बसे ग्रामीण क्षेत्रों में भूमिगत जल कमजोर होने की वजह से नदी से जल आपूर्ति की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
मड़वारानी एनीकट बनने से जिन गांवों में पेय जल व सिंचाई की सुविधा मिलेगी उनमें महोरा, देवलापाठ, बगधर, चिचोली, कछोरा, गितारी, बीर तराई, संडैल, भैंसामुड़ा, ढनढनी, जोगीपाली, कनकी, बैगपाली, भादा तरदा शामिल हैं। रेत चोरी पर कसेगा लगाम एनीकट के अस्तित्व में आने से नदी में चल रहे अवैध रेतघाट बंद हो जाएगें। स्वीकृति नहीं होने के बाद भी शहर के भिलाई खुर्द के अलावा भादा, तरदा व भैंसामुड़ा के आसपास खासी संख्या में अवैध रेतघाट का संचालन हो रहा है। प्रशासन को खनिज राजस्व की चपत लग रही है। साथ ही पर्यावरण नियमों की भी अवहेलना हो रही है।
एनीकट बनने से नदी में तीन किलोमीटर तक जल भराव रहेगा। इससे नदी कछार योजना के तहत तट से लगे आसपास के गांव के किसानों को लाभ मिलेगा। उद्यानिकी और जिला कृषि विभाग की ओर से संचालित योजनाओं से भी किसान जुड़ सकेंगे। पहाड़ के ऊपर मंदिर तक पहुंचेगा पानी एनीकट निर्माण की जिम्मेदारी जल संसाधन की होगी। फिल्टर प्लांट से 17 गांव में पानी पहुंचाने के लिए प्राक्कलन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी ने पहले ही तैयार कर लिया है। योजना के तहत गांव में ही नहीं बल्कि पहाड़ के ऊपर भी पानी पहुंचाई जाएगी। जल आपूर्ति सुनिश्चित होने से मड़वारानी मंदिर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए सुविधा होगी।
विभागीय अधिकारी की माने तो
पहाड़ के ऊपर जल पहुंचाने के लिए पिरामिड पद्धति से पानी संग्रहण टैंक बनाया जाएगा। इससे ऊपरी छोर तक पानी पहुंचाने में आसानी होगी। कनकी से 22 किलोमीटर घट जाएगी चांपा की दूरी एनीकट के अस्तित्व में आने से कनकी से चांपा की दूरी 22 किलोमीटर घट जाएगी। वर्तमान में मड़वारानी चांपा मार्ग पहुंचने के लिए लोगों को उरगा मार्ग से पहुंचना होता है। विभागीय अधिकारी की माने तो एनीकट से दो पहिया व चार पहिया वाहनों के आवागन की अनुमति होगी। सामान्य आवागन के लिहाज से एनीकट की ऊंचाई तय की गई है।
एनीकट कनकेश्वर धाम के निकट होगा इसलिए आसपास के ग्रामीणों को जलापूर्ति हो सकेगी। साथ ही निस्तारी की सुविधा भी उन्हे मिलेगी। एनीकट का नाम- विकासखंड- लागत (करोड़ में) तिलईडांड़- करतला- 2.70 बरबसपुर- कोरबा- 2.90 भिलाईखुर्द- कोरबा- 2.90 सलिहाभांठा- पोड़ी उपरोड़ा- 1.00 तेंदूभांठा- पाली- 2.79 झुनकीडीह- पोड़ी उपरोड़ा- 4.07 परला- पोड़ी उपरोड़ा- 5.10 मड़वारानी- कोरबा- 26.00 खोलारनाला- कटघोरा- 2.50 कोलिहामुड़ा- पाली- 2.70 धतूरा- कटघोरा- 3.00
हसदेव नदी पर मड़वारानी व भिलाई खुर्द सहित जिले में 12 एनीकट को बजट में शामिल किया गया है। एनीकट के अस्तित्व में आने से पेयजल के अलावा सिंचाई के लिए जल की आपूर्ति सुनिश्चत होगी। साथ ही पहाड़ के ऊपर पानी पहुंचाने में सहूलियत होगी। एसएल द्विवेदी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जल संसाधन